देश भर में चल रहे ‘मी टू’ अभियान (यौन उत्पीड़न के खिलाफ अभियान) के लपेटे में आए पूर्व संपादक और विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने आखिरकार अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। यौन शोषण के आरोपों में घिरे अकबर ने बुधवार (17 अक्टूबर) को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। अकबर पर ‘मीटू मूवमेंट’ के तहत पत्रकार प्रिया रमानी सहित 20 महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।

इन महिलाओं का आरोप था कि द एशियन एज और अन्य अखबारों के संपादक रहते हुए अकबर ने उनका यौन उत्पीड़न किया था। अकबर ने प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया है और इन आरोपों को समाज में उनकी छवि को धूमिल करने वाला करार दिया है। सबसे पहले एमजे अकबर का नाम प्रिया रमानी ने ही लिया था।
अकबर के खिलाफ यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ के आरोप लगाने वाली महिला पत्रकारों ने विदेश राज्य मंत्री पद से उनके इस्तीफे के बाद बुधवार को खुशी जाहिर की। अकबर के खिलाफ सबसे पहले आरोप लगाने वाली और मानहानि के मुकदमे का सामना कर रहीं पत्रकार प्रिया रमानी ने अकबर के इस्तीफे के बाद कहा, “उनके रुख की पुष्टि हुई।”
रमानी ने ट्वीट किया, “एक महिला के तौर पर, एम.जे. अकबर के इस्तीफे से हम सही साबित हुए हैं। मैं उस दिन की ओर देख रही हूं, जब मुझे अदालत से भी न्याय मिलेगा।”
As women we feel vindicated by MJ Akbar’s resignation.
I look forward to the day when I will also get justice in court #metoo— Priya Ramani (@priyaramani) October 17, 2018
पत्रकार सुपर्णा शर्मा ने अकबर पर ‘उनकी ब्रा की स्ट्रेप खींचने का आरोप लगाया है।’ सुपर्णा ने कहा है कि उनके इस्तीफे से ही लड़ाई समाप्त नहीं हुई है। समाचार एजेंसी IANS के मुताबिक, शर्मा ने रविवार को अकबर के बयान के संदर्भ में कहा, “अकबर को बयान देने के बदले भारत पहुंचते ही तत्काल इस्तीफा देना चाहिए था।”
उन्होंने कहा, “जब उन्होंने बयान जारी किया था, ऐसा लगता था कि यह प्रिया रमानी बनाम सरकार है, अब उन्होंने इस्तीफा दे दिया है, इसलिए यह अकबर बनाम प्रिया रमानी है।” उन्होंने साथ ही कहा कि पूर्व मंत्री को रमानी के खिलाफ मानहानि के मामले को वापस ले लेना चाहिए।
अकबर को ‘हिंसक’ करार देने वाली पत्रकार सबा नकवी ने कहा, “महाअष्टमी पर देवी दुर्गा ने राक्षस का खात्मा किया, एमजेअकबर गए..” इसके अलावा पत्रकार गजाला वहाब ने कहा कि उन्हें अकबर के इस्तीफे की खबर पर पहली बार में यकीन नहीं हुआ था। उन्होंने बीबीसी से कहा कि मैंने दो-तीन जगह से खबर की पुष्टि की। इस खबर को सुनकर मुझे बहुत ही ज्यादा खुशी हो रही है।
On #MahaAshtami Devi Durga slays the demon…#MJAkbar gone….
— Saba Naqvi (@_sabanaqvi) October 17, 2018
अकबर के खिलाफ एक और शिकायतकर्ता शुतापा पॉल ने बीबीसी से बातचीत में कहा, “ये बहुत ही जरूरी था कि एम जे अकबर इस सब की नैतिक जिम्मेदारी लें और अपने पद से इस्तीफा दे दें।” उन्होंने कहा कि इस इस्तीफ़े का श्रेय मीडिया, पत्रकार बिरादरी और समाज को जाता है।
आरोप लगाने वाली एक अन्य महिला पत्रकार हरिंदर बावेजा ने आश्चर्य जताया कि क्या अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अपन चुप्पी तोड़ेंगे। इन महिलाओं के अलावा तुषिता पटेल, कनिका गहलोत, मीनल बघेल, प्रेरणा बिंद्रा, मनीषा पांडे, रमोला तलवार, कनीजा कजारी, मालविका बनर्जी, ए टी जयंती, हमिदा पार्कर, जोनाली, संजरी चटर्जी, मीनाक्षी कुमार, सुजाता दत्त समेत कुल 20 महिलाओं ने अकबर पर ऐसे ही आरोप लगाए हैं।
अकबर ने दिया इस्तीफा
आपको बता दें कि यौन शोषण के आरोपों में घिरे एमजे अकबर ने आखिरकार बुधवार (17 अक्टूबर) को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। एक बयान में अकबर ने कहा है ‘‘चूंकि मैंने निजी तौर पर कानून की अदालत में न्याय पाने का फैसला किया है, इसलिए मुझे यह उचित लगा कि मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूं।’’ बयान में उन्होंने आगे कहा है ‘‘मैं, अपने खिलाफ लगाए गए झूठे आरोपों को निजी तौर पर चुनौती दूंगा। अत: मैं विदेश राज्य मंत्री पद से त्यागपत्र देता हूं।’’
उन्होंने कहा ‘‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का बेहद आभारी हूं कि उन्होंने मुझे देश की सेवा करने का अवसर दिया।’’ वहीं, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह पर बुधवार को अकबर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अकबर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। स्थापित प्रक्रिया के अनुरूप उसे राष्ट्रपति के पास भेजा गया।