आगरा के प्रसिद्ध ताजमहल में नमाज और पूजा करने के मुद्दे पर जारी तनाव के बीच हिंदूवादी संगठन अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद से ताल्लुक रखने वाली 3 महिलाओं ने शनिवार (17 नवंबर) को ताजमहल परिसर में पहुंचकर पूजा-अर्चना कर डाली। महिलाओं द्वारा पूजा करते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है, जिसमें महिलाएं धूपबत्ती जलाकर और गंगाजल अर्पित कर पूजा करती दिखाई दे रही हैं।
अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद दक्षिणपंथी विचारों वाला स्थानीय संगठन है। इस संगठन की इन तीनों महिलाओं ने ताजमहल पहुंचकर मस्जिद परिसर में बाकायदा ‘धूप-बत्ती’ जलाई और ‘गंगाजल’ भी छिड़का। इस मामले पर संगठन की जिला अध्यक्ष मीना दिवाकर ने कहा कि अगर मुस्लिमों को यहां रोजाना नमाज पढ़ने की इजाजत है तो हम भी हमारे तेजोमहालय में पूजा कर सकते हैं। बता दें कि दक्षिणपंथी विचारों वाले संगठन और उनके कार्यकर्ता ताजमहल को तेजमहालय कहते हैं।
अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, इस घटनाक्रम पर ताज की सुरक्षा में तैनात CISF ने महिलाओं द्वारा मस्जिद में पूजा करने की किसी भी जानकारी से साफ तौर पर इनकार कर दिया है। CISF के कमांडेंट ब्रज भूषण ने कहा कि उन्हें इस घटना के संदर्भ में कोई जानकारी नहीं है, क्योंकि उनके जवानों को मस्जिद में जाने की अनुमति नहीं है।
वहीं, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) के एक अधिकारी ने बताया कि वह इस वीडियो की प्रमाणिकता की जांच कर रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि हमने घटना की जानकारी मिलने के बाद ASI कर्मचारी को घटनास्थल पर जांच के लिए भेज दिया था। लेकिन हमें वहां कोई धूप या पूजा की अन्य सामग्री नहीं मिली।
ASI के सुपरीटेंडिंग आर्कोलॉजिस्ट (आगरा सर्कल) वसंत सावरंकर से TOI को बताया कि इस संदर्भ में लोकल पुलिस को सूचना दे दी गई है और CISF से भी CCTV फुटेज सौंपने को कहा है, ताकि इस दावे की सही पुष्टि की जा सके। उन्होंने कहा कि अगर सीसीटीवी फुटेज से इस घटना की पुष्टि हो जाती है, तो इन हिंदू कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई किया जाएगा।