उत्तर प्रदेश के चिड़ियाघरों में शेरों और बब्बर शेरों को मीट के बजाय चिकन खिलाने का मामला शुक्रवार(24 मार्च) को कांग्रेस के एक सदस्य ने लोकसभा में उठाया और सवाल किया कि क्या अब शेरों को भी पालक-पनीर खाने को कहा जाएगा?

कांग्रेस सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि भारत 28 हजार करोड़ रुपये का मांस निर्यात करता है, लेकिन यूपी के चिड़ियाघरों में शेर और बब्बर शेरों को मांस के बजाय चिकन खाने को दिया जा रहा है।
गौरतलब है कि यूपी में अवैध बूचड़खानों और मीट की दुकानों पर कार्रवाई का खामियाजा लखनऊ में चिड़ियाघर के शेरों और बाघों को भी भुगतना पड़ रहा है। इटावा सफारी के शेरों का भी यही हाल है। वे भी मंगलवार से चिकन पर गुजारा कर रहे हैं।
सांसद ने कहा कि प्रकृति की एक जैविक व्यवस्था है, जिसमें सभी का जिंदा रहना जरूरी है, लेकिन अभी कहा जा रहा है कि मांस का उपभोग बंद कर देंगे। चौधरी ने सरकार से सवाल किया कि ‘क्या अब शेर और बब्बर शेरों को भी कहा जाएगा कि पालक पनीर खाकर रहो?’
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने अपनी चुनाव घोषणापत्र में सत्ता में आने पर प्रदेश के सभी यांत्रिक बूचड़खानों को बंद करने का वादा किया था। अब सत्ता में आने के बाद बीजेपी सरकार ने अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई शुरू कर दी है।