सुप्रीम कोर्ट ने जहां प्राईवेसी को मूल अधिकार माना है, वहीं दूसरी ओर इस मूल अधिकार पर अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने डाका डाल दिया है। यह खुलासा विकीलीक्स ने अपनी ताजा रिपोर्ट मे किया है, विकिलीक्स ने गुरुवार(24 अगस्त) को खुलासा किया कि अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए के पास आधार कार्ड के डाटा का एक्सेस है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विकिलीक्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए साइबर जासूसी के लिए एक ऐसे टूल का इस्तेमाल कर रही है, जिससे शायद आधार डेटा में सेंध लगाई गई हो। हालांकि, आधिकारिक सूत्रों ने इन दावों को सिरे से खारिज किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, साइबर जासूसी के लिए इस तकनीक का ईजाद अमेरिकी कंपनी क्रॉस मैच टेक्नॉलजीज़ ने किया है। यह वही कंपनी है जो आधार की नियामक संस्था यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) को बायोमीट्रिक तकनीक उपलब्ध कराती है।
RELEASE: CIA 'Express Lane' system for stealing the biometric databases of its 'partner' agencies around the world. https://t.co/8FefOS2Ljl pic.twitter.com/LPwlAd0Tgr
— WikiLeaks (@wikileaks) August 24, 2017
शायद इसी से ये दावा किया गया है कि सीआईए ने आधार में सेंध लगाई है। विकीलीक्स की ओर से एक ट्वीट किया गया है जिसमें कहा गया है कि पहले ही सीआईए के जासूस भारत नैशनल आईडी का डेटाबेस चोरी कर चुके हैं?
Have CIA spies already stolen #India's national ID card database? #aadhaar #biometric https://t.co/zqJmkaoiw8 #modi
— WikiLeaks (@wikileaks) August 25, 2017
हालांकि केंद्र सरकार ने विकिलीक्स के दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। सरकार ने कहा कि यह विकिलीक्स का खुलासा नहीं है, ब्लकि एक वेबसाइट द्वारा बताया गया लीक है। ख़बरों के मुताबिक सरकार का कहना है कि, आधार डेटा को बेहद सुरक्षित ढंग से रखा जाता है और इस डेटा तक कोई नहीं पहुंच सकता।
See also "#Aadhaar in the hand of spies" https://t.co/J0sBghQ6EJ
— WikiLeaks (@wikileaks) August 25, 2017