केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रोजगार को लेकर बड़ा बयान दिया है। गडकरी ने कहा कि आरक्षण रोजगार देने की गारंटी नहीं है, क्योंकि नौकरियां ही नहीं हैं। महाराष्ट्र के औरंगाबाद के एक कार्यक्रम में पत्रकारों के आरक्षण के मुद्दे पर किए गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा है कि ‘नौकरियां कम होने की वजह से आरक्षण भी नौकरी की गारंटी नहीं देगा।’ गडकरी से मराठा आरक्षण आंदोलन पर सवाल पूछा गया था।

समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक गडकरी ने कहा कि आरक्षण रोजगार देने की गारंटी नहीं है क्योंकि नौकरियां कम हो रही हैं। उन्होंने कहा कि एक ‘‘सोच’’ है जो चाहती है कि नीति निर्माता हर समुदाय के गरीबों पर विचार करें। गडकरी महाराष्ट्र में आरक्षण के लिए मराठों के वर्तमान आंदोलन तथा अन्य समुदायों द्वारा इस तरह की मांग से जुड़े सवालों का जवाब दे रहे थे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘मान लीजिए कि आरक्षण दे दिया जाता है। लेकिन नौकरियां नहीं हैं, क्योंकि बैंक में आईटी के कारण नौकरियां कम हुई हैं। सरकारी भर्ती रूकी हुई है। नौकरियां कहां हैं?’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक सोच कहती है कि गरीब गरीब होता है, उसकी कोई जाति, पंथ या भाषा नहीं होती। उसका कोई भी धर्म हो, मुस्लिम, हिन्दू या मराठा (जाति), सभी समुदायों में एक धड़ा है जिसके पास पहनने के लिए कपड़े नहीं है, खाने के लिए भोजन नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एक सोच यह कहती है कि हमें हर समुदाय के अति गरीब धड़े पर भी विचार करना चाहिए।’’ गडकरी ने ये कहा है कि आज ऐसे लोग भी हैं जो चाहते हैं कि नीति निर्माता सभी समुदायों के सबसे गरीब लोगों को आरक्षण में शामिल करने पर विचार करें। बता दें कि रोजगार के मुद्दे पर विपक्ष मोदी सरकार को लगातार घेर रहा है। अब गडकरी का यह कबूलनामा विपक्षी नेताओं को एक हथियार दे दिया है।