पश्चिम बंगाल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष दिलीप घोष ने रविवार (6 जनवरी) को यू-टर्न लेते हुए कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रधानमंत्री बनने की संभावनाओं वाली टिप्पणी मजाक में की थी। बता दें कि दिलीप घोष ने शनिवार (5 जनवरी) को यह कह कर अपनी पार्टी बीजेपी में असहज स्थिति पैदा कर दी थी कि तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के देश की पहली बंगाली प्रधानमंत्री बनने की अच्छी संभावनाएं हैं।

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख को जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए, घोष ने शनिवार को कहा था कि बनर्जी को “फिट रहने की जरूरत है” क्योंकि वह वर्तमान में एकमात्र ऐसी बंगाली हैं जिनके पास पहला बंगाली प्रधानमंत्री बनने का मौका है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी दावा किया था कि मुख्यमंत्री बनर्जी बंगालियों की दौड़ में सबसे आगे हैं। उन्होंने कहा था कि पीएम बनने की इस लिस्ट में पहला नाम ममता बनर्जी का है और अच्छा होगा कि अगर कोई बंगाली प्रधानमंत्री बने।
अपने बयान पर सफाई देते हुए दिलीप घोष ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘शनिवार को, जब पत्रकारों ने मुझसे ममता बनर्जी पर कोई टिप्पणी करने के लिए कहा, तो मैंने उनको बस अपनी शुभकामनाएं दी। मैंने उनके प्रधानमंत्री बनने के बारे में जो कुछ भी कहा वह सिर्फ मजाक था। उनके जन्मदिन पर मैं तो बस मजाक कर रहा था।’’
ममता को जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए घोष ने कहा था कि वह उनकी अच्छी सेहत और जिंदगी में कामयाबी की दुआ करते हैं, ‘‘क्योंकि हमारे राज्य का भविष्य उनकी सफलता पर निर्भर करता है।’’ उन्होंने कहा था, ‘‘हम चाहते हैं कि वह फिट रहें ताकि वह अच्छा काम कर सकें। उन्हें फिट रहने की जरूरत है क्योंकि अगर किसी बंगाली के पीएम बनने की संभावनाएं हैं तो उनमें वही एक हैं।’’
Dilip Ghosh, West Bengal BJP Chief: I was asked a question to which I replied that my wishes will be with her(Mamata Banerjee) if she becomes PM, that is only what I said. But there is no possibility at all of it happening. These things are to be taken in good humour pic.twitter.com/krqRMtFQx1
— ANI (@ANI) January 6, 2019
बहरहाल, कांग्रेस ने उन पर निशाना साधते हुए कि राज्य बीजेपी अध्यक्ष का यह बयान उनकी तरफ से “एक तरह की स्वीकारोक्ति” है, जो शायद यह जानते हैं कि इस साल के आम चुनाव के बाद भगवा पार्टी के केंद्र की सत्ता में लौटने की संभावना बहुत कम है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने पीटीआई-भाषा को बताया, “यह बयान दो चीजों को दर्शाता है – बीजेपी और टीएमसी के बीच एक गुप्त समझौता और दूसरा, विपक्ष को विभाजित करने के लिए संघीय मोर्चों को बनाने की कोशिश।”
उन्होंने बताया कि घोष की टिप्पणी से पता चलता है कि उनको अब लग गया है कि भाजपा सत्ता में वापस नहीं आएगी।इसी तरह की भावनाओं से इत्तेफाक रखते हुए, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व ने भी कहा कि “टीएमसी और बीजेपी के बीच गुप्त समझौता अब खुलकर बाहर आ चुका है।” इस मामले को लेकर पीटीआई द्वारा संपर्क किए जाने पर टीएमसी नेतृत्व ने इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया।