दिल्ली जल बोर्ड में हुए वाटर टैंकर घोटाले की आंच अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यालय तक पहुंच चुकी है। इस क्रम में बुधवार(17 मई) को एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) ने केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार से करीब तीन घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। पूछताछ के सिलसिले में कुमार बुधवार सुबह 10 बजे ACB दफ्तर पहुंचे, जहां उनसे अधिकारियों ने पूछताछ की।
बता दें कि विभव कुमार पर आम आदमी पार्टी (AAP) से निलंबित पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने वाटर टैंकर घोटाले की फाइल 11 महीने तक दबाने का आरोप लगाया था। दरसअल, केजरीवाल की सरकार ने जुलाई 2015 में 5 लोगों की एक कमेटी बनाकर इस मामले में जांच बैठाई थी।
कमेटी ने उसी साल अगस्त में केजरीवाल को जांच रिपोर्ट सौंप दी, जिसमें कहा गया कि कांग्रेस की नेतृत्व वाली शीला दीक्षित सरकार ने स्टील के वाटर टैंकर लेने और उनमें जीपीएस लगवाने में 400 करोड़ से ज्यादा का घोटाला किया है।आरोप है कि रिपोर्ट आने के बाद भी केजरीवाल सरकार ने ACB को इस मामले की जांच के आदेश करीब 11 महीने बाद दिए।कपिल मिश्रा के अलावा एसीबी भी केजरीवाल पर फाइल दबाने का आरोप लगा चुकी है, हालांकि केजरीवाल के निजी सचिव से यह पूछताछ कपिल मिश्रा द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद हुई है। बता दें कि इससे पहले कपिल मिश्रा ने एक ब्लॉग लिख कर केजरीवाल पर निशाना साधा है।
मिश्रा ने दावा किया है कि अरविंद केजरीवाल साल में 2 बार ही अपने ऑफिस गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि मुश्किल से अपने ऑफिस जाने वाले केजरीवाल सरकार-3 फिल्म देखने चले गए। मिश्रा ने केजरीवाल को खुली चुनौती दिया है कि वे इनमें एक भी बात गलत साबित करके दिखाएं।
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