केंद्र में एनडीए की सहयोगी और महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार में साथ देने वाली शिवसेना ने बुलंदशहर हिंसा को लेकर बुधवार को अपने गठबंधन सहयोगी बीजेपी पर निशाना साधते हुए पूछा है कि क्या यह 2019 चुनावों से पहले धार्मिक ध्रुवीकरण का प्रयास है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा, बुलंदशहर की घटना 2014 के चुनाव से पहले हुए मुजफ्फरनगर घटना की तरह थी? बीजेपी जानती है कि 2019 के चुनाव इसके लिए आसान नहीं होंगे। सामना के संपादकीय में पूछा गया है कि धार्मिक ध्रुवीकरण वाला हमेशा का हथियार तो नहीं? इससे आगे पूछा गया है कि, क्या सांप्रदायिक भड़कना और वोटों के ध्रुवीकरण का वही रक्तरंजित पैटर्न फिर से चलाने की कोशिश शुरू है क्या?
बता दें कि शिवसेना के हमले से पहले योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने इस हिंसा की टाइमिंग पर सवाल उठाए थे। उन्होंने पूछा कि यह घटना तब क्यों हुई जब शहर में मुसलमानों का इज्तमा चल रहा है? साथ ही राजभर ने इस घटना के लिए विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को जिम्मेदार ठहराया है।
उन्होंने कहा, “यह (बुलंदशहर हिंसा) विश्व हिंदू परिषद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और बजरंग दल की पहले से ही रची गई साजिश है। पुलिस अब कुछ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लोगों के नाम भी इसमें सामने ला रही है। मुस्लिमों के इत्जिमा कार्यक्रम के दौरान ही विरोध प्रदर्शन क्यों हुआ? यह बुलंदशहर की शांति को प्रभावित करने का एक प्रयास था।”
बता दें कि उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के स्याना में गौकशी के शक में हुई भीड़ की हिंसा व बवाल में कथित संलिप्तता के लिए पुलिस ने मंगलवार (4 दिसंबर) को चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। इसके अलावा करीब चार से पांच लोगों को हिरासत में भी लिया गया है। इस मामले में मुख्य आरोपी बजरंग दल का जिला संयोजक योगेश राज अभी भी फरार है। बता दें कि सोमवार को हुए इस हिंसा में स्याना के थाना प्रभारी सुबोध कुमार सिंह और एक 20 वर्षीय युवक सुमित कुमार की मौत हो गई थी।
पुलिस ने मंगलवार को कहा कि चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है लेकिन मुख्य आरोपी, बजरंग दल का जिला संयोजक योगेश राज फरार है। उन्होंने बताया कि प्राथमिकी में 27 लोगों को नामजद किया गया है जबकि 50 से 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं।