मोदी सरकार ने बुधवार (19 अप्रैल) को वीआईपी कल्चर पर लगाम लगाने के लिए बड़ा फैसला लिया है। अब केंद्रीय मंत्री और अधिकारी लाल बत्ती नहीं लगा सकेंगे, यह फैसला 1 मई से लागू किया जाएगा। नितिन गडकरी ने कहा है कि 1 मई से पीएम और सभी मिनिस्टर्स की गाड़ियों से हटा दी जाएगी। इसका इस्तेमाल सिर्फ इमरजेंसी सर्विस व्हीकल्स पर ही किया जाएगा।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस फैसले के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कोई भी व्यक्ति 1 मई से देश में लाल बत्ती वाले वाहन का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा, कोई अपवाद भी नहीं है। उन्होंने कहा कि नीली बत्ती को लेकर राज्य सरकार फैसला लेती है, लेकिन इस नियम को भी बदला जा रहा है।
साथ ही उन्होंने कहा कि ऐंबुलेंस, फायर ब्रिगेड जैसी इमरजेंसी वीइकल्स के लिए नीली बत्ती होगी। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने साफ कर दिया है कि लालबत्ती की इजाजत पीएम को भी नहीं होगी। इसके अलावा, ये फैसला राज्य सरकार पर भी लागू होगा।
हालांकि, इमर्जेंसी सर्विसेज को नीली बत्ती के इस्तेमाल की इजाजत रहेगी। सरकार मोटर वीकल ऐक्ट के उस प्रावधान को ही खत्म करने जा रही है, जो केंद्र और राज्य सरकार के कुछ खास लोगों को लाल बत्ती की इस्तेमाल की इजाजत देता है।
गडकरी ने बताया कि उन्होंने अपनी गाड़ी पर लगी लाल बत्ती को भी हटा दिया है। गडकरी अपनी सरकारी गाड़ी से इस बत्ती को हटाने वाले पहले नेता हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि, ‘हमारी सरकार आम लोगों की सरकार है इसलिए हमने लाल बत्ती और हूटर्स का वीवीआईपी कल्चर खत्म करने का फैसला किया है।’ मंत्री ने इसे बड़ा लोकतांत्रिक फैसला बताते हुए कहा कि जल्द ही इस विषय में नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।
ख़बरें के अनुसार, लाल बत्ती का इस्तेमाल खत्म करने के लिए रोड एंड ट्रांसपोर्ट मिनिस्टरी काफी वक्त से काम कर रही थी। पीएमओ में यह मामला करीब डेढ़ साल से पेंडिंग था। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए पीएमओ ने एक मीटिंग भी की थी, जिसमें कई बड़े ऑफिसर्स से बात की थी।