राष्ट्रीय जनता दल(राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने बुधवार(19 अप्रैल) को आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई की याचिका मंजूर करने और बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती के खिलाफ आपराधिक षड़यंत्र के आरोप को बहाल किया जाना आडवाणी का नाम राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी से काटे जाने के लिए प्रधानमंत्री की एक सोची समझी राजनीति हिस्सा है।

लालू के इस आरोप भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के वरिष्ठ नेता विनय कटियार ने कहा कि, ‘हो सकता है कि लालू के बयान में सच्चाई हो, पता नहीं।’
Maybe his statement has truth to it, don't know:Vinay Katiyar,BJP on Lalu Yadav's remark "Modi's conspiracy to remove Advani from Pres race" pic.twitter.com/gxD4DeX45t
— ANI (@ANI) April 20, 2017
बता दें कि पटना में पत्रकारों को संबोधित करते हुए लालू ने आरोप लगाया था कि जबसे राष्ट्रपति पद के लिए आडवाणी के नाम की चर्चा शुरू हुई है, सीबीआई ने स्वयं सुप्रीम कोर्ट में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले का आडवाणी और अन्य के खिलाफ ट्रायल शुरू कराए जाने का आग्रह किया था।
उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी से आडवाणी का नाम काट दिए जाने के लिए यह नरेंद्र मोदी की एक सोची समझी राजनीति का हिस्सा है। अपने दलील को साबित करने के लिए लालू ने आरोप लगाया कि यह सर्वविदित है कि सीबीआई वही करती है जो केंद्र सरकार चाहती है, क्योंकि सीबीआई केंद्र सरकार के अधीन आती है।
लालू ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी का विरोध करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ खतरनाक राजनीतिक खेल खेलने में भाजपा अपने पराए के बीच भी कोई फर्क नहीं रखती। राजद प्रमुख सुप्रीम कोर्ट के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई की याचिका मंजूर करने और बीजेपी के वरिष्ठ नेतागण लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती के खिलाफ आपराधिक षड़यंत्र के आरोप को बहाल किए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे।
गौरतलब है कि बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार(19 अप्रैल) को बड़ा फैसला दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि भारतीय जनता पार्टी के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत 13 अन्य नेताओं पर आपराधिक साजिश का केस चलेगा। साथ ही कोर्ट ने दो साल के भीतर दोनों मामले निपटाने का आदेश दिया है।