शून्यकाल के दौरान सदन में अपनी बात रखते हुए बीजेपी युवा नेता वरूण गांधी ने पर्यावरण सम्बधित मुद्दों पर बोलते हुए कहा कि यदि कोई ठोस उपाय नहीं किए गए तो आधी जमीन बंजर हो जाएगी। हमें कृषि की पूरी व्यवस्था और उसके पैटर्न में बदलाव की जरूरत है।

तापमान के तेवरों के चलते चावल के उत्पादन में आने वाले समय में 70 फीसदी तक की कमी की आशंका जताते हुए वरूण गांधी ने कहा कि कृषि की पूरी व्यवस्था और उसके पैटर्न में बदलाव की जरूरत है।उन्होंने इसके लिए स्थानीय स्तर पर मौसम की सटीक जानकारी किसानों को उपलब्ध कराने के लिए वैज्ञानिक उपकरण लगाए जाने का सुझाव दिया।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में गन्ने की उंची कीमतों के कारण गन्ने की फसल बड़े पैमाने पर होती है और इसके बाद चीनी मिलों में पानी की भारी खपत की जाती है। यह भी राज्य में जल संकट का एक कारण है। वरूण गांधी ने सरकार से तत्काल कदम उठाने की मांग करते हुए आशंका जतायी कि यदि कोई ठोस उपाय नहीं किए गए तो आधी जमीन बंजर हो जाएगी।