म्यांमार से आए मुस्लिम रोहिंग्या शरणार्थियों के समर्थन में भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के सांसद वरुण गांधी द्वारा लिखे गए लेख पर घमासान शुरू हो गया है। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने बीजेपी सांसद पर पलटवार करते हुए निशाना साधा है। बता दें कि बीजेपी सांसद ने अपने लेख में रोहिंग्या मुसलमानों का समर्थन करते हुए कहा है कि रोहिंग्या शरणार्थियों को यूं न ठुकराएं।

वरुण गांधी के लेख पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी नेता और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने उनकी आलोचना करते हुए उनकी देशभक्ति पर ही सवाल खड़े कर दिए। हंसराज अहीर ने मंगलवार(26 सितंबर) को न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि जो देश के हित में सोचेगा वो इस तरह के बयान नहीं देगा।
Jo desh ke hith mein sochega vo is tarah ke bayan nahi dega: Hansraj Ahir,MoS Home on BJP MP Varun Gandhi's article on #Rohingyas pic.twitter.com/FwvtmncJpK
— ANI (@ANI) September 26, 2017
वरुण गांधी ने दी सफाई
हालांकि, विवाद बढ़ता देख बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने अपने लेख को लेकर सफाई दी है। वरुण ने ट्वीट कर लिखा है हमें शांतिपूर्ण उपायों से अपनी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए उन्हें स्वेच्छा से घर वापसी में मदद करनी चाहिए। आतिथ्य सत्कार और शरण देने की अपनी परंपरा का पालन करते हुए हमें शरण देना निश्चित रूप से जारी रखना चाहिए।
As for the Rohingyas, I've called for empathy, leading potentially to asylum, while vetting each applicant for national security concerns.
— Varun Gandhi (@varungandhi80) September 26, 2017
बता दें कि बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने नवभारत टाइम्स मेें लिखे अपने लेख में अंतरराष्ट्रीय संधियों का हवाला देते हुए कहा है कि भारत को रोहिंग्या शरणार्थियों को शरण देना जारी रखना चाहिए। उन्होंने इसके लिए परंपरा का भी हवाला दिया है। उन्होंने कहा कि आतिथ्य सत्कार और शरण देने की परंपरा का पालन करते हुए रोहिंग्याओं को शरण देना निश्चित रूप से जारी रखना चाहिए।
न्यूज पेपर नवभारत टाइम्स में “रोहिंग्या शरणार्थियों को यूं न ठुकराएं” शीर्षक से लिखे एक लेख में बीजेपी सांसद ने इस मामले में लिखा है, “हमें म्यांमारी रोहिंग्या शरणार्थियों को शरण जरूर देनी चाहिए लेकिन इससे पहले वैध सुरक्षा चिंताओं का आकलन भी करना चाहिए।” बता दें कि केंद्र सरकार ने रोहिंग्या शरणार्थियों को अवैध और देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए भारत से वापस भेजने की योजना पर 18 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में 16 पन्नों का एक हलफनामा दायर किया है।
बीजेपी सांसद आगे कहते हैं, “भारत ने शरणार्थियों को लेकर बहुत सी मानवाधिकार संधियों (आईसीसीपीआर, आसीईएससीआर, सीआरसी, आईसीईआरडी, सीईडीएडब्ल्यू) पर हस्ताक्षर किया है। सभी संधियों में उन्हें वापस न भेजने का संकल्प दोहराया गया है लेकिन ऐसे संकल्पों का पालन करने के लिए स्थानीय स्तर पर कोई कानून नहीं बनाया गया है।”
My article in NavBharat Times today. #RohingyaCrisis pic.twitter.com/XNMEchcDqs
— Varun Gandhi (@varungandhi80) September 26, 2017
“शरण देना जारी रखें”
बीजेपी सांसद ने लेख के आखिरी में लिखा है, “जिन इलाकों में बड़ी संख्या में शरणार्थी हों, वहां तनाव और भेदभाव कम करने के लिए स्थानीय निकायों को आगे बढ़ कर मकान मालिकों और स्थानीय असोसिएशनों को इनके प्रति संवेदनशील बनाने के लिए कदम उठाने चाहिए। शरणार्थी समुदायों के प्रति समर्थन, युवाओं के बीच वर्कशॉप में उनकी भागीदारी और महिला सशक्तीकरण के लिए उठाए कदमों से उनकी स्वीकार्यता की राह आसान होगी।”
उन्होंने आगे लिखा है, “हमें म्यांमारी रोहिंग्या शरणार्थियों को शरण जरूर देनी चाहिए लेकिन इससे पहले वैध सुरक्षा चिंताओं का आकलन भी करना चाहिए। स्वाभाविक रूप से अधिकांश शरणार्थी अपने घर लौटना चाहेंगे। हमें शांतिपूर्ण उपायों से अपनी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए उन्हें स्वेच्छा से घर वापसी में मदद करनी चाहिए। आतिथ्य सत्कार और शरण देने की अपनी परंपरा का पालन करते हुए हमें शरण देना निश्चित रूप से जारी रखना चाहिए।”