कर्नाटक और उत्तर प्रदेश व बिहार सहित देश के कई राज्यों में पिछले दिनों मिली हार बाद केंद्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अपने सहयोगियों को मनाने के लिए इन दिनों जद्दोजहद कर रही है। दरअसल, एकजुट विपक्ष के कारण मिली हार के बाद बीजेपी के सामने अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए के अपने सहयोगियों को साथ जोड़े रखना बड़ी चुनौती है। यही वजह है कि अलगे साल होने वाले 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने रूठे हुए सहयोगियों को मनाने की कवायद शुरू कर दी है।
इसी कड़ी में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार (6 जून) को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। लेकिन अमित शाह और उद्धव ठाकरे के बीच हुई घंटों की मुलाकात के एक दिन बाद ही गुरुवार (7 जून) को शिवसेना ने साफ कर दिया है 2019 का लोकसभा चुनाव वह अपने दम पर लड़ेगी। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि पार्टी को पता है कि अमित शाह का एजेंडा क्या है। मगर शिवसेना ने एक प्रस्ताव पारित किया है। जिसमें हम सभी चुनाव अपने दम पर लड़ेंगे।’
We know what the agenda of Amit Shah ji is but Shiv Sena has passed a resolution that we'll contest all upcoming elections on our own. There will be no change in that resolution: Sanjay Raut, Shiv Sena on meeting between BJP President Amit Shah & Shiv Sena Chief Uddhav Thackeray pic.twitter.com/4wXEk5nDfA
— ANI (@ANI) June 7, 2018
वहीं, महाराष्ट्र के बाद अब बिहार में भी एनडीए के सहयोगी दल बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी करते जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मोदी सरकार के मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का साथ छोड़ सकती है। दरअसल, मीडिया रिपोर्ट के मानें तो केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री और आरएलएसपी के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा गुरुवार को पटना में होने वाली एनडीए की बैठक का बायकॉट करेंगे।
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, पटना में बीजेपी द्वारा सहयोगी पार्टियों के आयोजित भोज में उपेंद्र कुशवाहा हिस्सा नहीं लेंगे। बता दें कि करीब 8 साल बाद एनडीए के नेताओं का इतने बड़े स्तर पर एकसाथ जुटना हो रहा है। पटना के ज्ञान भवन में होने वाले इस कार्यक्रम में एनडीए के घटक दलों के नेताओं का संबोधन होगा। इस भोज पार्टी में केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के शामिल ना होने को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
Rashtriya Lok Samta Party leader and Union minister of state for HRD Upendra Kushwaha not to take part in NDA dinner hosted by BJP in Patna today. (File pic) pic.twitter.com/gEWo7rtj1w
— ANI (@ANI) June 7, 2018
इसके अलावा बिहार में ही बीजेपी की एक और सहयोगी दल जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के साथ भी कुछ सही नहीं चल रहा है। एक तरफ जेडीयू के नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को गठबंधन का बड़ा भाई बता रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ 2019 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू के लिए 25 सीटों की मांग कर रहे हैं। ऐसे में बीजेपी के सामने आने वाले दिनों में और चुनौतियां पेश हो सकती हैं।
Nitish Kumar&JD(U) are playing major role in Bihar. We had contested election on 25 seats. They'll have to give us 25 seats, no question of any lesser number of seats. If NDA wants to be benefited by Nitish Kumar's image, they'll have to do justice to JD(U) & him: S Rajak, JD(U) pic.twitter.com/m0sRcprsba
— ANI (@ANI) June 7, 2018
जेडीयू के श्याम रजक ने समाचार एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि जेडीयू बिहार में अहम भूमिका निभा रही है। हम अब तक 25 सीटों पर चुनाव लड़ते नजर आए हैं। उन्हें (बीजेपी) हमें 25 सीटें देनी ही होंगी, कम सीटें लेने का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर एनडीए नीतीश कुमार की छवि का फायदा उठाना चाहते हैं तो उसे जेडीयू के साथ न्याय करना होगा।