उत्तर प्रदेश विधानसभा में 12 जुलाई को बरामद हुए विस्फोटक पर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। दरअसल, विधानसभा में मिला संदिग्ध पाउडर विस्फोटक था ही नहीं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आगरा की लैब ने इस बात की पुष्टि की है कि विधानसभा में बरामद वो विस्फोटक पीईटीएन (पेन्ट्रा एरायथ्रिटॉल टेट्रानाइट्रेट) का पाउडर नहीं था। हालांकि, उत्तर प्रदेश के प्रधान सचिव ने इन दावों को खारिज कर दिया है।

बता दें कि 12 जुलाई को विधानसभा में कार्यवाही के दौरान विस्फोटक बरामद होने पर हड़कंप मच गया था। 14 जुलाई को सार्वजनिक रूप से योगी सरकार ने दावा किया था कि वो पीईटीएन का खतरनाक पाउडर है। यूपी विधानसभा में विस्फोटक मिलने के बाद विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे एक आतंकी साजिश का हिस्सा बताया था। उन्होंने इस घटना की जांच एनआईए से कराने की बात कही थी।
सरकार ने रिपोर्ट को किया खारिज
हालांकि, यूपी सरकार इस टेस्ट की रिपोर्ट को मानने से साफ इनकार कर रही है। प्रधान सचिव का कहना है कि आगरा के पास कोई मशीन नहीं है, इसलिए वहां टेस्ट के लिए कोई सैंपल भेजने का सवाल नहीं है। यूपी सरकार का कहना है कि वो पीईटीएन ही है। एनआईए मामले की जांच में जुटी थी।
The factual position is that SFSL Lucknow in its report dated 14.7.2017 has found the substance as water insoluble: Principal Secy Home UP
— ANI UP (@ANINewsUP) July 18, 2017
सरकार का कहना है कि लखनऊ की फॉरेंसिक साइंस लैब ने 14 जुलाई को की गई शुरुआती जांच के बाद संदिग्ध पाउडर में पीइटीएन विस्फोटक मिलने की पुष्टि की थी। संदिग्ध पाउडर विस्फोटक था या नहीं ये पता करने के लिए एसएफएसएल लखनऊ-इनफ्रेरेड स्पेक्ट्रम और गैस क्रोमेटोग्राफी-मास स्प्रैक्टम में जांच चल रही है। उम्मीद है कि इसकी रिपोर्ट गुरुवार तक आ जाएगी।
क्या है पीईटीएन?
पीईटीएन अब तक ज्ञात सबसे खतरनाक विस्फोटकों में है। यह नाइट्रोग्लसरीन और नाइट्रो सेल्यूलोज की श्रेणी में आता है। यह बहुत ही खतरनाक और आसानी से विस्फोट करने वाला रासायनिक पदार्थ है। डॉग स्क्वॉड और मेटल डिटेक्टर भी इस विस्फोटक की पहचान नहीं कर सकते।