केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई के लिए एक बड़ी उपलब्धि के तहत ब्रिटिश सरकार ने भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को भारत प्रत्यर्पित करने को मंजूरी दे दी। माल्या किंगफिशर एयरलाइन के 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज के लिए भारत में वांछित है। ब्रिटिश गृहमंत्री साजिद जाविद ने सोमवार (4 फरवरी) को माल्या को प्रत्यर्पित करने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए, जिसकी अनुमति लंदन की एक अदालत ने पहले ही दे दिया था। हालांकि, विशेषज्ञों ने कहा कि माल्या के पास अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ किसी ऊंची अदालत में अपील करने के लिए 15 दिनों का समय है।

बता दें कि माल्या (63) दिसंबर में ब्रिटेन की एक अदालत में अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ कानूनी चुनौती हार चुका था।प्रत्यर्पण संधि की प्रक्रियाओं के तहत चीफ मजिस्ट्रेट का फैसला गृह मंत्री को भेजा गया था, क्योंकि सिर्फ गृह मंत्री ही माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश देने के लिए अधिकृत हैं। अप्रैल 2017 में स्कॉटलैंड यार्ड की ओर से तामील कराए गए प्रत्यर्पण वॉरंट पर माल्या जमानत पर है।
यह वॉरंट उस वक्त तामील कराया गया था जब भारतीय अधिकारियों ने किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख माल्या को 9,000 करोड़ रुपए की रकम की धोखाधड़ी और धनशोधन के मामले में आरोपित किया था। ब्रिटेन की अदालत ने कहा था कि वह भारत सरकार की ओर से दिए गए विभिन्न आश्वासनों से संतुष्ट है, जिसमें जेल की एक सेल का वीडियो भी शामिल है।
प्रेस अधिकारी बेथानी डिटजेल की तरफ से ब्रिटिश गृह विभाग के प्रवक्ता के हवाले से जारी एक बयान में कहा गया है, “तीन फरवरी को विदेश मंत्री ने सभी प्रासंगिक मामलों पर सावधानीपूर्वक विचार करते हुए विजय माल्या को भारत के लिए प्रत्यर्पित करने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए।” बयान में कहा गया है, “विजय माल्या भारत में धोखाधड़ी, झूठे अभ्यावेदन देने और धनशोधन के अपराधों की साजिश में संलिप्त है। उनके पास अपील करने के लिए आज से 14 दिनों का समय है।”
ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत ने 10 दिसंबर के अपने फैसले में माल्या को प्रत्यर्पित करने के आदेश दिए थे।माल्या ने 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज की धोखाधड़ी के बाद 2 मार्च, 2016 को भारत से भाग गया था। उसने यह कर्ज इस समय बंद हो चुकी अपनी कंपनी किंगफिशर के लिए लिया था।
भारतीय स्टेट बैंक एसबीआई के नेतृत्व वाले 13 बैंकों का एक संघ माल्या के खिलाफ कर्ज वसूली कार्यवाही शुरू करने की तैयारी कर रहा है। माल्या के खिलाफ मुंबई की एक विशेष अदालत में भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम के तहत सुनवाई जारी है। भारत ने 2017 के अंत में माल्या के खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्यवाही शुरू की थी, जिसका उसने विरोध किया था। वह फिलहाल लंदन में जमानत पर बाहर है।