भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने 1 जुलाई से आधार कार्ड का सत्यापन चेहरे से भी करने की पूरी तैयारी कर ली है। इसके साथ ही आंखों की पुतली या अंगुलियों के निशान से भी सत्यापन का विकल्प रहेगा। समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक यूआईडीएआई इस साल एक जुलाई से उंगलियों के निशान तथा आंखों की पुतलियों के अलावा चेहरे के जरिए भी आधार कार्ड धारकों के सत्यापन की शुरुआत करने वाला है।

प्राधिकरण ने जनवरी में कहा था कि अधिक उम्र या मेहनत वाले कार्यो की वजह से उंगलियों के निशान मिटने से होने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए चेहरे से सत्यापन की शुरुआत करेगा। प्राधिकरण ने कहा है कि चेहरे के जरिए सत्यापन के लिए इसके साथ उंगलियों के निशान, पुतलियों या वन टाइम पासवर्ड के जरिए भी सत्यापन की आवश्यकता होगी।
पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में एक प्रजेंटेशन में यूआईडीएआई ने आधार के कूट भाषा में लिखने पर जोर देते हुए कहा था कि इसका डाटा अभेद्य है और उसे भेदने के लिए धरती पर उपलब्ध सबसे तेज कंप्यूटर को ब्रह्मांड की आयु से भी ज्यादा वक्त लगेगा।
नवभारत टाइम्स के मुताबिक UIDAI ने बताया कि चेहरे की पहचान वाला फीचर फिंगरप्रिंट, आइरिश या ओटीपी में से किसी एक के साथ होगा। पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट के सामने दी गई एक प्रेजेंटेशन में UIDAI के सीईओ अजय भूषण पांडे ने कहा था कि आधार डेटा लीक करने के लिए दुनिया के सबसे तेज कंप्यूटर को भी अनगिनत साल लग जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट को सुरक्षा संबंधी जानकारी देते हुए ही उन्होंने बताया था कि फेस ऑथेंटिकेशन 1 जुलाई से शुरू कर दिया जाएगा।
‘1 बिलियन’ नाम की प्रेजेंटेशन सुप्रीम कोर्ट को देते हुए UIDAI के सीईओ ने कहा था कि, ‘चेहरे की पहचान वाला फीचर फिंगरप्रिंट, आइरिश या ओटीपी में से किसी एक फीचर के साथ 1 जुलाई से शुरू हो जाएगा।’ उन्होंने बताया था कि अभी तक 1,696.38 करोड़ आधार ऑथेंटिकेशन और 464.85 करोड़ ई-केवाईसी ट्रांजैक्शंस अभी तक हो चुके हैं।
UIDAI के सीईओ अजय भूषण पांडे ने अपनी प्रेजेंटेशन सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संवैधानिक बेंच के सामने गुरुवार को शुरू की थी जिसे 27 मार्च को वह आगे बढ़ाएंगे। सुप्रीम कोर्ट की यह बेंच आधार की संवैधानिक वैधता को लेकर दायर की गई कई याचिकाओं की सुनवाई के लिए गठित की गई है।