समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मौजुदगी में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दो पूर्व विधायकों सहित कई लोगों ने गुरुवार को सपा का दामन थाम लिया है।
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, बीजेपी के पूर्व विधायक शंभू चौधरी और नंद किशोर मिश्रा ने गुरुवार (11 जनवरी) को अखिलेश यादव ने प्रदेश कार्यालय में एसपी जॉइन कराई।
Former BJP MLAs, Shambhu Chaudhary and Nand Kishore Mishra join Samajwadi Party. pic.twitter.com/nIXUYMn6AO
— ANI UP (@ANINewsUP) January 11, 2018
नवभारत टाइम्स की ख़बर के मुताबिक, बीजेपी के पूर्व विधायकों सहित बीएसपी के पूर्व विधायक ताहिर हुसैन सिद्दीकी, 5 बार के विधायक और मंत्री श्याम लाल रावत, पूर्व विधायक महेश वाल्मीकि और पूर्व सांसद लाल चंद्र कोल भी एसपी में शामिल हुए।
एनटीडीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मौके पर अखिलेश यादव ने कहा कि, इन नेताओं के अलावा डॉक्टर आशुतोष, डॉ. नवल किशोर चौधरी, डॉ. सीमा सिंह और अन्य प्रोफेसर भी समाजवादी पार्टी से जुड़े हैं। हम चाहते हैं कि जो भी प्रबुद्घ लोग सपा में शामिल होना चाहते हैं, उनके लिए दरवाजा खुला है, ऐसे लोगों से पार्टी मजबूत होगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, अखिलेश यादव ने सूबे में कानून-व्यवस्था पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए आरोप लगाया कि ‘पुलिस लोगों पर अत्याचार कर रही है। किसी भी मामले में एफआईआर दर्ज नहीं हो रही है, राजनीति से जुड़े लोग पुलिस पर दबाव बना रहे हैं।
साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि, सुना है डीजीपी ज्वाइन नहीं कर रहे हैं क्योंकि दिन अच्छे नहीं हैं। अखिलेश का यह कटाक्ष नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओ.पी. सिंह को लेकर था जिनके बारे में कहा जा रहा है कि खरवास के महीने के कारण वह ज्वाइन नहीं कर रहे हैं।
एनटीडीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि, मैं तो बीजेपी को ऐसी पार्टी नहीं मानता था। मुख्यमंत्री नोएडा जाकर इसका सबूत भी दे चुके हैं, हालांकि इसके परिणाम बाद में दिखेंगे। लेकिन, पुलिस अधिकारी का ज्वाइन न करना सवाल उठाता है।
अखिलेश ने गोरखपुर महोत्सव पर कहा कि अब तो बराबरी हो गई है। हम लोग कला को पसंद करने वाले हैं, हमें आपत्ति क्यों होगी। लेकिन जब महोत्सव हो रहा है तो सैफई से अच्छा हो।
बाराबंकी में जहरीली शराब से मौत पर अखिलेश ने कहा कि, हमारी सरकार में जब ऐसी घटना होती थी तो बीजेपी वाले सवाल उठाते थे। यह घटना बड़ी है, सरकार को जांच करानी चाहिए। मृतकों को मुआवजा मिलना चाहिए, सरकार मृतकों के परिवार को 10 लाख मुआवजा दे।