माइक्रो ब्लागिंग साइट ट्विटर के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) जैक डोरसे कथित ब्राह्मणवाद विरोधी एक पोस्टर को हाथ में थामने की वजह से विवादों में आ गए हैं। इस पोस्टर की वजह से सोशल मीडिया पर डोरसे की काफी आलोचना हो रही है। सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना के बाद मंगलवार (20 नवंबर) को ट्विटर को इसके लिए सफाई देनी पड़ी। ट्विटर ने इस मामले को शांत करते हुए कहा है कि वह हर तबके की आवाज सुनने में यकीन करता है।
दरअसल पिछले हफ्ते डोरसे भारत दौरे पर आए थे। जहां उन्होंने महिला पत्रकारों के साथ एक गोलमेज बैठक के बाद एक फोटो हाथ में लेकर तस्वीर खिंचवाई थी, जिस पर Smash Brahmanical Patriarchy यानी ‘ब्राह्मणवादी पितृसत्ता को खत्म करो’ नारा लिखा था। ट्विटर पर इस तस्वीर के सामने आते ही डोरसे को आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा। आलोचना खासकर दक्षिणपंथी विचारधारा की तरफ झुकाव रखने वाले यूजर्स द्वारा की गई। जैक पर एक जातीय समूह पर हमलावर होने का आरोप लगाया गया।
During Twitter CEO @jack's visit here, he & Twitter's Legal head @vijaya took part in a round table with some of us women journalists, activists, writers & @TwitterIndia's @amritat to discuss the Twitter experience in India. A very insightful, no-words-minced conversation ? pic.twitter.com/LqtJQEABgV
— Anna MM Vetticad (@annavetticad) November 18, 2018
इस पोस्टर पर विवाद के बाद अब ट्विटर इंडिया ने माफी मांगी है। ट्विटर की कानूनी, नीति, भरोसा और सुरक्षा प्रमुख विजया गड्डे ने सोमवार देर रात ट्वीट किया, “मुझे इसके लिए खेद है। यह हमारे विचारों का प्रतिबिंब नहीं है। हमे एक निजी फोटो उपहार के रूप में प्राप्त हुआ था। हमें और अधिक विचारशील होना चाहिए था।” उन्होंने आगे कहा, “ट्विटर सभी के लिए निष्पक्ष मंच होने का प्रयास करता है। हम यहां ऐसा करने में नाकाम रहे हैं और हमें भारत में अपने ग्राहकों की सेवा करने के लिए बेहतर करना होगा।”
I'm very sorry for this. It's not relective of our views. We took a private photo with a gift just given to us – we should have been more thoughtful. Twitter strives to be an impartial platform for all. We failed to do that here & we must do better to serve our customers in India
— Vijaya Gadde (@vijaya) November 19, 2018
इसके अलावा ट्विटर इंडिया ने भी आनन-फानन में एक अनौपचारिक बयान जारी कर कहा कि पोस्टर जैक के दोस्तों ने उन्हें दिए थे…ट्विटर सभी की भावनाओं का सम्मान करने में यकीन रखता है। सोशल नेटवर्क के मुताबिक, महिला पत्रकारों के साथ बंद कमरे में चर्चा हुई थी। वे भारत में बदलाव की वाहक हैं और यह चर्चा उनके ट्विटर अनुभव को लेकर थी।
Recently we hosted a closed door discussion with a group of women journalists and change makers from India to better understand their experience using Twitter. One of the participants, a Dalit activist, shared her personal experiences and gifted a poster to Jack. https://t.co/96gd3XmFgK
— Twitter India (@TwitterIndia) November 19, 2018
माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफार्म ने कहा, “इस चर्चा में एक दलित कार्यकर्ता भी सहभागी थी और उन्होंने अपने निजी अनुभवों को साझा किया और जैक को एक पोस्टर भेंट किया।” ट्विटर ने कहा, “यह ट्विटर या हमारे सीईओ का बयान नहीं है।” इस पोस्टर के वायरल होने के बाद कुछ यूजर्स ने डोरसे पर ‘कट्टरता’ और ‘नस्लवादी’ के आरोप लगाए थे।