वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले को लेकर शनिवार(14 अक्टूबर) को पुलिस ने तीन संदिग्धों के स्कैच जारी किए है। बता दें कि, गौरी लंकेश की 5 सितंबर को उनके घर के बाहर अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।

बता दें कि, कर्नाटक के पुलिस महानिरीक्षक बीके सिंह की अगुवाई में बनी एसआईटी ने लंकेश की हत्या में शामिल संदिग्ध का स्केच जारी किया है। साथ ही बीके सिंह ने मीडिया को बताया कि पुलिस को मिली जानकारी के आधार पर संदिग्ध हत्यारों के स्केच तैयार कराए गए हैं। सिंह ने कहा, हम संदिग्धों के स्केच जारी कर रहे हैं और लोगों से सहयोग की अपेक्षा रखते हैं।
साथ ही पुलिस अधिकारी ने कहा कि, दो संदिग्ध हैं। स्केच मिलते-जुलते हैं ये स्केच इसलिए समान लग रहे हैं क्योंकि अलग-अलग चश्मदीदों के आधार पर दो आर्टिस्ट ने इन्हें तैयार किया है। हमारे पास संदिग्धों की रेकी का वीडियो है, वह भी जारी किया जा रहा है। तिलक या कुंडल से संदिग्धों के धर्म का पता नहीं चल सकता क्योंकि इससे जांच की दिशा भटक सकती।
पुलिस ने कहा कि उन्होंने हत्या के मामले में 200-250 लोगों से पूछताछ की है। गौरी लंकेश और एमएम कलबुर्गी की हत्याओं में प्रयुक्त हथियार एक होने की बात को पुलिस ने नकार दिया।
Based on info we made sketches, we want cooperation from ppl so releasing sketches of the suspects: Police SIT on #GauriLankesh pic.twitter.com/GwOuT8L565
— ANI (@ANI) October 14, 2017
बता दें कि, कुछ दिनों पहले ही कर्नाटक के गृहमंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा था कि उनकी हत्या के मामले की तफ्तीश कर रहे विशेष जांच दल के हाथ कुछ सुराग लगे हैं, लेकिन उनके खिलाफ सबूतों का अभाव है। साथ ही उन्होंने कहा था कि, जब तक पर्याप्त सबूत नहीं मिल जाते तब तक हत्यारों की पहचान सार्वजनिक नहीं की जाएगी।
आगे उन्होंने कहा था कि, टीम और सबूत इकट्ठा कर रही है और जल्द ही जांच पूरी हो जाएगी। उन्होंने इस संबंध में और अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया था।
बता दें कि, कर्नाटक सरकार ने गौरी लंकेश प्रकरण में जांच के लिए आईजीपी (इंटेलिजेंस) बीके सिंह की अध्यक्षता में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था और गौरी लंकेश की हत्या से जुड़ा सुराग देने पर 10 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया था।
गौरतलब है कि, दक्षिण पंथी विचारधारा के खिलाफ लिखने वाली वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की 5 सितंबर को उनके घर के बाहर अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। गौरी वीकली टैबलॉइड ‘गौरी लंकेश पत्रिके’ की एडिटर थीं और इस टैबलॉइड के जरिए गौरी लगातार कम्युनल पॉलिटिक्स और कास्ट सिस्टम के खिलाफ लिखती थीं। वे राइट विंग और हिंदुत्व पॉलिटिक्स की भी विरोधी थीं।