असम के गुवाहटी स्थित ताज विवांता होटल के प्रबंधन पर तीन मुस्लिम युवकों ने अपमानित और बदसलूकी करने का आरोप लगाया है। युवकों का आरोप है कि उनके मोबाइल से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुसलिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का पुराना वीडियो निकलने पर होटल प्रबंधन ने उन्हें कट्टरपंथी करार देकर जेल भिजवाने की भी धमकी दी। इस घटना के बाद टाटा समूह के चेयरमैन और अरबपति व्यवसायी रतन टाटा सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए हैं।
अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली की फ्लाइट छूटने के बाद इमरान हुसैन लास्कर, साहब उद्दीन और जहिद इस्लाम बारहुईयान एक होटल में रुकने के लिए गए थे। रिपोर्ट के अनुसार हमरान हुसैन लास्कर सेना के अस्पताल में कार्यरत हैं, जबकि साहब उद्दीन एक कॉलेज का मालिक और बारहुईयान एक टीचर है। बारहुईयान के मुताबिक, वह दोपहर 2 बजे होटल में आए थे और कमरे में अतिरिक्त बिस्तर लगाने के लिए उन्होंने 2000 रुपये का भुगतान किया और बाहर चले गए।
उन्होंने बताया कि जब वह शाम को 4 बजे होटल में वापस लौटे तो पूरा होटल सुरक्षाकर्मियों से भरा हुआ था। वह सभी उनकी गतिविधियों की निगरानी कर रहे थे। तीनों युवकों ने बताया कि होटल के कर्मचारियों ने उनकी अतिरिक्त बेड की अपील को भी पूरा नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उनके साथ संदिग्धों की तरह पूछताछ की और रिसेप्शनिस्ट ने उनके साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया।
जब उन्होंने होटल के बड़े अधिकारियों से बातचीत करने की काशिश की तो उन्हें जेल भेजने की धमकी दी गई। लास्कर ने जब इस घटना को अपने मोबाइल में रिकॉर्ड करने की कोशिश की तो उसका मोबाइल छीन लिया गया। उसके बाद जब मोबाइल की जांच की गई तो असदुद्दीन ओवैसी का एक पुराना वीडियो मिला। उसके आधार पर उन्हें कट्टरपंथी साबित करने की कोशिश की गई।
बारहुईयान ने ‘द हिंदू’ को बताया कि उन्होंने लास्कर के पहचान पत्र को जब्त कर लिया और उन्हें हिरासत में लेकर कमरे में बंद कर दिया। रिपोर्ट के अनुसार, उन्हें आधी रात के आसपास छोड़ने की इजाजत दी गई। हालांकि इस मामले पर होटल की प्रवक्ता इंद्रनी फुक्कन ने अभी तक कुछ नहीं कहा है।
न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक, लास्कर ने उन्हें बताया कि होटल प्रबंधन ने उन्हें सुरक्षा जांच, सामान की जांच के लिए भेज दिया। वहां कुछ लोग थे जो लगातार उनका पीछा कर रहे थे। जब हमने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि ये सीईओ का आदेश है। जो उन्होंने मेरे साथ किया, क्या वो सही है? क्या ये एक सैनिक से बर्ताव करने का सही तरीका है?
ओवैसी ने ट्वीट करके गुवाहाटी स्थित ताज होटल ग्रुप पर आरोप लगाया है कि तीन भारतीय नागरिकों ने खुद पर हो रहे उत्पीड़न को रिकॉर्ड करने की कोशिश की, लेकिन उसका मोबाइल छीन लिया गया। मोबाइल की जांच करने पर उन्होंने मेरा पुराना वीडियो पाया। इसके बाद उसको कट्टरपंथी मान लिया गया। औवैसी ने केंद्रीय गृह मंत्री को टैग कर तंज सकते हुए कहा है कि आपको गर्व होना चाहिए।
Intelligence Bureau officers treated three Indian citizens as extremists because one of their phones had a video of my speech. It's always heartening to know that the safety and security of our people is in the hands of such competent officers. @rajnathsingh should be proud pic.twitter.com/VzSxp719vo
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) October 15, 2018
वहीं, इस बीच पत्रकार और सोशल मीडिया यूजर्स इस मामले में रतन टाटा से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं। तमाम बड़े-बड़े पत्रकार और यूजर्स ट्वीट कर रतन टाटा को टैग कर रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार रिफत जावेद ने लिखा है कि असम के ताज होटल में मुस्लिम मेहमानों को नस्लीय रूप से उत्पीड़ित किया गया क्योंकि उनमें से एक निर्वाचित सांसद असदुद्दीन ओवैसी का वीडियो भाषण था।
Taj hotel racially profiling and harassing Muslim guests in Assam because one of them had a video speech of an elected MP @asadowaisi. This is beyond shocking @RNTata2000. You must take serious note of it. Is it a part of new policy of Tata group?
— Rifat Jawaid (@RifatJawaid) October 15, 2018
रिफत ने रतन टाटा को टैग कर मामले को चौंकाने वाला बताया है। उन्होंने टाटा से मामले की गंभीरता को देखते हुए हस्तक्षेप करने की मांग की है। रिफत ने तीखा सवाल करते हुए पूछा है कि क्या यह टाटा समूह की नई नीति का हिस्सा है?