अपने विवादित बयानों को लेकर हमेशा मीडिया की सुर्खियों में रहने वाले पश्चिम बंगाल के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के एक बयान को लेकर विवाद छिड़ गया है। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के समर्थन में आयोजित रैली के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा एक महिला प्रदर्शनकारी से बदसलूकी किए जाने पर घोष ने कहा, ‘उन्हें अपनी किस्मत का शुक्रगुजार होना चाहिए कि कुछ और नहीं हुआ।’ उनकी इस टिप्पणी की विपक्षी पार्टियों ने आलोचना की है।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा ने दक्षिण कोलकाता के पतुली से बाग जतीन इलाके तक सीएए के समर्थन में रैली आयोजित की थी जिसका नेतृत्व स्वयं घोष कर रहे थे। रैली के दौरान एक अकेली महिला सीएए और गुरुवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया में चली गोली के खिलाफ तख्ती लेकर प्रदर्शन कर रही थी। भाजपा समर्थकों ने तख्ती छीन ली और गाली गालौज किया। उन्होंने महिला के साथ धक्का मुक्की की जिसके बाद पुलिस ने उसे बचाया।
बाद में पत्रकारों से बातचीत में घोष ने महिला के साथ धक्का मुक्की को न्यायोचित करार दिया। उन्होंने कहा, ‘हमारे आदमियों ने सही काम किया। उस महिला को अपनी किस्मत का शुक्रगुजार होना चाहिए कि केवल धक्का मुक्की हुई और कुछ नहीं।’ घोष ने कहा, ‘क्यों प्रदर्शनकारी (सीएए) हमेशा हमारी रैली में प्रदर्शन करने चले आते हैं? क्या वे अन्य कार्यक्रमों में नहीं जा सकते? हमने बहुत सहन किया है, लेकिन अब ऐसी हरकतों को सहन नहीं करेंगे।’
इस बीच, बदसलूकी की शिकार महिला ने कहा कि वह ‘‘फासीवादी भाजपा’’ के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखेगी। माकपा के वरिष्ठ नेता शमिक लाहिरी ने घोष के बयान की निंदा करते हुए कहा कि उन्हें ऐसे बयानों से बचना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनोज चक्रवर्ती ने कहा कि घोष को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।
गौरतलब है कि, नागरिकता संशोधन कानून का कांग्रेस, टीएमसी समेत लगभग सभी विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं। दिल्ली, यूपी, पश्चिम बंगाल, बिहार, असम में इस ऐक्ट के विरोध में जोरदार प्रदर्शन हुए थे। देश की कई हिस्सों में लोग इसका विरोध करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली में भी हिंसक प्रदर्शन हुए थे।