बिहार के भागलपुर में दंगा भड़काने के मामले में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अरिजित शाश्वत के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी होने के बावजूद पुलिस द्वारा गिरफ्तार न किए जाऩे को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चौतरफा घिर गए हैं। आरजेडी के नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव व बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने नीतीश कुमार सरकार पर हमला बोला है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जवाब देना होगा कि कोर्ट की तरफ से गिरफ्तारी का वॉरंट जारी होने के बाद भी क्यों अरिजित शाश्वत खुले घूम रहे हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश का सरकार पर कंट्रोल नहीं है और सरकार नागपुर से चल रही है। यह दिखाता है कि वह कितने कमजोर हो चुके हैं।
वहीं इस मामले में अब बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी नीतीश कुमार पर सीधा आरोप लगाया है। उन्होंने सवाल किया है कि बिहार पुलिस आखिर क्या कर रही है? स्वामी ने कहा है नीतीश कुमार से यह पूछा जाना चाहिए कि ऐसा क्यों हो रहा है? पुलिस क्या कर रही है। पुलिस के पास वॉरंट है उन्हें जाकर उसे पकड़ना चाहिए।
भागलपुर में दंगा भड़काने के मामले में अरिजित शाश्वत के खिलाफ वारंट जारी होने के बाद वह पहली बार मीडिया के सामने आए। अरिजीत ने समाचार एजेंसी ANI से कहा कि, ‘मैं न्यायालय की शरण में हूं। भागते वो हैं, खोजना उनको पड़ता है जो कहीं गायब हो गए हों, मैं समाज के बीच हूं। उन्होंने कहा कि मैं आत्मसमर्पण क्यों करूंगा? कोर्ट अगर वारंट जारी करता है तो वह शरण भी देता है। एक बार आप जब कोर्ट जाते हैं तो आप वही करते हैं जो कोर्ट आपसे कहता है।’
अरिजीत ने कहा कि अगर पुलिस मुझे गिरफ्तार करने आती है तो मैं वो करूंगा जो वह कहेंगे। मैंने अग्रिम जमानत याचिका कोर्ट में दायर कर दी है। वहीं अपने बेटे की सफाई में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि मेरे बेटे ने कोई गंदा काम नहीं किया है। एफआईआऱ तो झूठ का पुलिंदा है, उसपे क्यों सरेंडर करेगा। अरिजीत कहीं छिपा नहीं है, वो आज अपने गांव भी गया और भगवान राम की आरती भी करता है।
बता दें कि अरिजित के पिता अश्विनी कुमार चौबे बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री हैं। अरिजीत के खिलाफ जिस मामले में गिरफ्तार वॉरंट जारी हुआ है, वह भागलपुर के नाथनगर इलाके का है। नाथनगर में 17 मार्च को एक जुलूस के दौरान हिंसक झड़प हुई थी, जिसके बाद अरिजीत को आरोपी बनाते हुए उन पर एफआईआर दर्ज की गई थी।
हिंसा मामले में दर्ज एफआईआर में कहा गया था कि अरिजीत के नेतृत्व में भारतीय नववर्ष जागरण समिति की ओर से विक्रम संवत के पहले दिन नववर्ष को मनाने के लिए जुलूस निकाला गया था। उनपर आरोप है कि उन्होंने भाजपा, आरएसएस और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की बाइक रैली में दंगा भड़काया था। दोनों समुदायों में संघर्ष उस समय शुरू हुआ जब मेदिनीनगर के स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया। इस घटना में दो पुलिसकर्मी सहित कुछ अन्य लोग जख्मी हुए थे।
गिरफ्तारी वारंट जारी
बता दें कि भागलपुर में दंगा भड़काने के मामले में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अरिजित शाश्वत और आठ अन्य के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया गया है। अरिजित पर पिछले हफ्ते 17 मार्च को भागलपुर जिले में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का आरोप है। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) अंजनी कुमार श्रीवास्तव ने नाथनगर पुलिस की ओर से दायर अर्जी पर वॉरंट जारी किया।
समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक पुलिस ने इस सिलसिले में दर्ज दो प्राथमिकियों में से एक में नामित नौ लोगों की गिरफ्तारी की मांग की थी। अतिरिक्त लोक अभियोजक( एपीपी) वीरेश मिश्रा ने बताया कि, ‘‘अभय कुमार घोष, सोनू, प्रमोद वर्मा पम्मी, देव कुमार पांडेय, संजय भट्ट, सुरेंद्र पाठक, अमित लाल साह और प्रणव साह उर्फ प्रणव दास के खिलाफ भी वॉरंट जारी किया गया।”
भागलपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक( एसएसपी) मनोज कुमार ने बताया कि पुलिस को अदालत के आदेश की कॉपी मिली है और सभी आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। हालांकि इस बीच अरिजीत शाश्वत ने गिरफ्तारी वारंट को ठेंगा दिखाते हुए सोमवार (26 मार्च) को मीडिया से बात करते हुए पुलिस के सामने सरेंडर करने से इनकार कर दिया है। वहीं इस मामले पर अश्विनी चौबे का कहना है कि यह वारंट गलत है। उनका कहना है कि मेरा बेटा बिल्कुल सही है और उसने कोई गलत काम नहीं किया है।