तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ केस दर्ज कर सकती है मोदी सरकार, दो समुदायों के बीच नफरत फैलाने के लिए ठहराया जा सकता जिम्मेदार

0

केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की एक कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ केस दर्ज करने का प्रस्ताव दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तीस्ता सीतलवाड़ को दो समुदायों के बीच नफरत फैलाने और सामंजस्य भंग करने के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है और इसके लिए उन पर आईपीसी की धारा 153-A और 153-B के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है।

कमेटी ने यह भी कहा है कि तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ सबरंग ट्रस्ट को 1.39 करोड़ का ग्रांट देने वाले यूपीए शासनकाल के अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए। कमेटी का कहना है कि जांच के बाद यह पता चला है कि सबरंग ट्रस्ट यह ग्रांट पाने के लिए योग्य नहीं था फिर भी अधिकारियों ने इसे मंजूरी दी। कमेटी के इस प्रस्ताव के बाद तीस्ता सीतलवाड़ के साथ-साथ अब यूपीए शासनकाल के अधिकारियों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक गई है।

इन आरोपों पर आईपीसी की धारा 153-A औरर 153-B के तहत मुकदमा चलाया जाता है। समूहों या धर्मों के बीच नफरत फैलाना समाज में सामंजस्य भंग करने के लिए पूर्वाग्रह से कोई काम करना राष्ट्रीय अखंडता को क्षति पहुंचाने वाला कोई काम करना इन आरोपों के साबित होने पर जेल और जुर्माने का प्रावधान है।

तीस्ता सीतलवाड़ और यूपीए शासनकाल के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के प्रस्तावों की यह रिपोर्ट कानून मंत्रालय की सलाहो के साथ केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय में जून 2015 में जमा की गई थी। उस समय स्मृति ईरानी मंत्री थीं। अब इन प्रस्तावों पर वर्तमान मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के फैसले का इंतजार हो रहा है। इस बारे में पूछे जाने पर जावड़ेकर बोले, ‘मैंने रिपोर्ट मंगाई है और अभी इसे ठीक से देखा नहीं है। रिपोर्ट से गुजरने के बाद ही इस पर कुछ कह पाऊंगा।’

Previous article“If elected, Indian and Hindu community would have a true friend at the White House”
Next articleहार्दिक पटेल को मिली जान से मारने की धमकी, मामला दर्ज