उत्तर प्रदेश के उन्नाव रेप और एक्सीडेंट से जुड़े मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिनभर सक्रिय रहा। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता से संबंधित पांच मामलों को दिल्ली स्थानांतरित किया और मामले में प्रतिदिन सुनवाई के लिए एक विशेष न्यायाधीश नियुक्त किया। साथ ही कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि उन्नाव दुष्कर्म और एक्सीडेंट से जुड़े सभी मामलों की चार्जशीट दिल्ली कोर्ट में दाखिल किए जाएं।

इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने कहा है कि ट्रायल 45 दिनों के भीतर पूरी हो जानी चाहिए। इसके अलावा कोर्ट ने पीड़िता को 25 लाख रुपये की मुआवजा राशि देने को कहा है। शीर्ष अदालत ने उस ट्रक-कार दुर्घटना को लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से सात दिनों में जांच पूरी करने को कहा है, जिसकी की वजह से पीड़िता और उसका वकील अस्पताल में अपने जीवन की लड़ाई लड़ रहे हैं और उसके दो रिश्तेदारों की मौत हो चुकी है।
Unnao rape case: The designated judge in Delhi will commence the trial on day-to-day basis and complete the trial within 45 days.
— ANI (@ANI) August 1, 2019
सुप्रीम कोर्ट ने राय बरेली स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की कमांडमेंट को आदेश दिया है कि वह पीड़िता के परिवार को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करें, जिन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उसके आदमियों से खतरा है। इस बीच विभिन्न वर्ग के व्यापक आक्रोश और विपक्षी दलों की तीखी आलोचना के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उन्नाव बलात्कार मामले में आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से निकाल दिया है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को सात दिनों में हादसे की जांच पूरी करने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को स्पष्ट किया कि वह भाजपा के निष्कासित (1 अगस्त को पार्टी ने बाहर निकाला) विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की संलिप्तता वाले बलात्कार मामले को उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले से बाहर स्थानांतरित करेगा। कोर्ट ने सीआरपीएफ को तत्काल प्रभाव से पीड़ित परिवार के सदस्यों को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया।
देश की सर्वोच्च अदालत ने इसके साथ ही कहा कि यदि घायल पीड़िता के परिवार वाले इच्छा जाहिर करें, तो उसे इलाज के लिए दिल्ली के एम्स में शिफ्ट किया जाए। कोर्ट ने सीआरपीएफ को तत्काल प्रभाव से पीड़ित परिवार के सदस्यों को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया। शीर्ष अदालत ने का कहा कि पीड़िता के परिवार के अलावा उन्नाव में रह रहे, उनके सभी संबंधियों को सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए।
Unnao rape case: CJI says,'We have also considered the question of interim compensation to the victim, as an interim measure we direct the UP government to pay Rs 25 lakh as compensation to the victim.
— ANI (@ANI) August 1, 2019
कोर्ट ने गुरुवार सुबह सीबीआई के किसी ‘‘जिम्मेदार’’ अधिकारी को दोपहर 12 बजे तक पेश होकर इस मामले में अब तक हुई जांच की जानकारी देने को भी कहा। वहीं, मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने पीड़िता द्वारा लिखी गई चिट्ठी का जिक्र करते हुए सवाल उठाया कि वह चिट्ठी मुझ तक क्यों नहीं पहुंची? गौरतलब है कि न्यायालय ने बलात्कार पीड़िता द्वारा सीजेआई को लिखे पत्र पर बुधवार को संज्ञान लिया था और अपने सेक्रेटरी जनरल से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी कि इस पत्र को अब तक उनके संज्ञान में क्यों नहीं लाया गया।