सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (13 नवंबर) को कर्नाटक के अयोग्य ठहराए गए 17 विधायकों को राहत देते हुए उन्हें उपचुनाव लड़ने की अनुमति दे दी। कोर्ट ने कर्नाटक विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष द्वारा कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) के 17 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के फैसले को बरकरार रखा। कोर्ट का कहना है कि हालांकि अयोग्यता अनिश्चितकाल के लिए नहीं हो सकती है।
सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था ने अयोग्य ठहराए गए विधायकों के लिए कर्नाटक में पांच दिसंबर को उपचुनाव लड़ने का मार्ग प्रशस्त किया। कोर्ट ने कहा कि उपचुनाव में जीतने पर ये विधायक मंत्री बन सकते हैं या सार्वजनिक कार्यालय का प्रभार संभाल सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसका फैसला मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर आधारित है और यह अध्यक्ष के विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने संबंधी अधिकार में हस्तक्षेप नहीं करता। कोर्ट ने इन विधायकों के हाई कोर्ट में याचिका दाखिल किए बिना सीधे शीर्ष अदालत का रुख करने के कदम पर नाखुशी जाहिर की।
Supreme Court says that the 17 Karnataka MLAs can contest the by-elections in the state. https://t.co/UEW8qTzNRj
— ANI (@ANI) November 13, 2019
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने अयोग्य विधायकों की याचिका पर 25 अक्टूबर को सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इन विधायकों को विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने अयोग्य घोषित कर दिया था। न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की तीन सदस्यीय पीठ ने इन अयोग्य घोषित विधायकों की याचिकाओं पर 25 अक्टूबर को सुनवाई पूरी की थी।