मंगलवार (04 जून) को सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक से यह जानना चाहा कि क्या 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बदलने के लिए एक अवसर दिया जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने यह बात बेहद तल्ख लहजे में कही।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट का कहना है कि लोगों को पुराने नोट बदलने के लिए दोबारा मौका क्यों नहीं दिया गया है। इस बात का जवाब देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को दो हफ्ते का वक्त दिया है और तभी यह तय हो सकेगा कि जिन लोगों के पास पुराने नोट हैं उनका क्या किया जाएगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘आप लोगों की मेहनत की कमाई को इस तरीके से बर्बाद नहीं कर सकते।
ख़बरों के मुताबिक, साथ ही कोर्ट ने कहा कि, “आप (केंद्र) उचित तरीके से की गयी किसी व्यक्ति की कमाई को बेकार नहीं जाने दे सकते।” इसलिए उन्हें नोट बदलने का मौका दिया जाना चाहिए। ख़बरों के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट एक महिला की याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें उसने कहा था कि वो नोटबंदी के दौरान अस्पताल में थी और उसने बच्चे को जन्म दिया था, जिस कारण से वह तय समय सीमा पर पुराने नोट जमा नही कर सकी।
गौरतलब है कि सरकार ने कालाधन पर अंकुश लगाने तथा फर्जी नोटों पर पाबंदी लगाने के मकसद से पिछले वर्ष 8 नवंबर 2016 को 500 और 1,000 रुपये के नोटों पर पाबंदी लगाने की घोषणा की गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी घोषणा की थी। बता दें कि दुनिया में सबसे ज्यादा करंसी नोट्स का इस्तेमाल करने के मामले में भारत दूसरे नंबर पर है।