भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने शनिवार को भरोसा जताया कि देश भर में छात्रों के विरोध प्रदर्शन से बने मौजूदा ‘मुश्किल’ हालात से भारत उबर जाएगा, जैसे अतीत में वह कई संकट की स्थितियों से निपटने में सफल रहा है। गावस्कर ने कहा है कि आज छात्र क्लास की बजाय सड़कों पर उतर आया है। उन्होंने कहा कि छात्रों को क्लास रूम में वापस चले जाना चाहिए, क्योंकि वही आपकी मेन ड्यूटी है। अपने इस बयान को लेकर अब सुनील गावस्कर सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए है।
बता दें कि, पिछले कुछ हफ्तों में देश भर में छात्रों का विरोध प्रदर्शन देखने को मिला है। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ सबसे पहले जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में विरोध देखने को मिला जिसके बाद जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र भी सड़क पर उतरे। इसके बाद जेएनयू में कुछ नकाबपोश लोगों ने हिंसा फैलाई।
गावसकर ने दिल्ली में 26वें लाल बहादुर शास्त्री स्मृति व्याख्यान के दौरान कहा, ‘देश मुश्किल में है। हमारे कुछ युवा सड़कों पर उतरे हुए हैं जबकि उन्हें अपनी कक्षाओं में होना चाहिए। सड़कों पर उतरने के लिए उनमें से कुछ को अस्पताल जाना पड़ा।’ 70 साल के गावसकर हालांकि उस भारत में विश्वास रखते हैं जहां के लोग संकेट के इस समय से उबर जाएंगे।
उन्होंने आगे कहा, ‘इनमें से अधिकतर कक्षाओं में हैं, अपना भविष्य बनाने और भारत को आगे ले जाने का प्रयास कर रहे हैं। एक देश के रूप में हम तभी आगे बढ़ सकते हैं, जब हम सभी एकजुट हों। जब हम सभी सामान्य भारतीय होंगे। खेल ने हमें यही सिखाया है।’
बाद में पत्रकारों से बात करते हुए गावस्कर ने छात्रों से सड़कों की बजाए अपनी कक्षाओं में लौटने की अपील करते हुए कहा, ‘उनसे कहूंगा क्लास रूम में वापस चले जाइए, क्योंकि वही आपकी मेन ड्यूटी है। आप यूनिवर्सिटी पढ़ाई के लिए गए हैं, पढ़ाई कीजिए।’
#WATCH Sunil Gavaskar: Country is in turmoil. Some of our youngsters are out in streets instead of being in classrooms&some of them are ending up in hospitals for being out on streets. Admittedly, majority is still in classrooms trying to forge career&to build&take India forward. pic.twitter.com/4Er3jGoqf2
— ANI (@ANI) January 11, 2020
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर के भाषण का यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वह अपने इस वीडियो को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए है, लोग उन्हें जमकर ट्रोल कर रहे हैं। सोशल मीडिया यूजर्स सुनील गावस्कर के भाषण पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने अपने ट्वीट में लिखा, मैं गावस्कर को क्रिकेट का दिग्गज मानता हूं। एक सर्वकालिक महान। लेकिन क्रिकेट के एक शब्द का उपयोग करने के लिए, वह बस इस पिच को अच्छी तरह से नहीं पढ़ रहे हैं और गेंद की उड़ान को गलत तरीके से समझ रहे हैं। छात्रों का विरोध पूरी तरह से वैध और आवश्यक है।
I consider Gavaskar a cricketing legend. An all-time great. But to use a cricketing term, he is simply not reading this pitch well and is compelety misjudging the flight of the ball. The protests of the students is absolutely legitimate and needed. https://t.co/Dc0yyQsEat
— Karti P Chidambaram (@KartiPC) January 11, 2020
देखिए कुछ ऐसे ही ट्वीट
Gavaskar never had a spine. Proves it all over again. https://t.co/bwhuxVzkuR
— RadhakrishnanRK (@RKRadhakrishn) January 12, 2020
Mr Gavaskar says "students should be in classrooms & build careers to take India ahead"
What 'India will be left' if its Constitutional values are eroded?
I have more respect for those agitating students & women of Shaheen Bagh then these tone-deaf, privileged, govt mouthpieces https://t.co/gUeJxrD72D
— Chirpy Says (@IndianPrism) January 11, 2020
Well Gavaskar was only good with the bat, never with the ball, he proves it get again.
Another sports icon is fallen! #IndiaAgainstCAA_NPR_NRC https://t.co/ckJTXRvmDZ
— The Solitary Shrink (@UrbanShrink) January 12, 2020
Its a clever statement of Mr. Gavaskar
He said I quote "Country is in turmoil"
He never felt it before when 48,786 riots took place since 1948.
He cleverly balanced (to please liberals) it up by saying some of them ending in hospital for being in streets. #JNUTerrorAttack https://t.co/J7lOHM6wZc
— Abhisek (@a_bhakat) January 12, 2020
गौरतलब है कि, पिछले करीब एक महीने से देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहा हैं। पिछले कुछ सप्ताह से दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र सीएए और एनआरसी को लेकर सड़कों पर उतर आए है। इस दौरान जामिया में हिंसा भी देखी गई थी और घायलों को अस्पताल में भी भर्ती करवाया गया था।
वहीं, उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी के छात्र भी सीएए और एनआरसी के विरोध में सड़कों पर उतर आए थे। वहीं, 5 जनवरी को JNU में भी हिंसा हुई, जिसमें कई नकाबपोश हमलावरों ने यूनिवर्सिटी कैंपस में घुसकर कई छात्रों की पिटाई की और तोड़फोड़ की। इस दौरान कई छात्र घायल हो गए थे। इसके खिलाफ देशभर में प्रदर्शन जारी हैं। (इंपुट: भाषा के साथ)