सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने गुरूवार (6 सितंबर) को दिए ऐतिहासिक फैसले में एकमत से 158 साल पुरानी भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377 के उस हिस्से को निरस्त कर दिया, जिसके तहत परस्पर सहमति से अप्राकृतिक यौन संबंध बनाना अपराध था। न्यायालय ने कहा कि यह प्रावधान संविधान में प्रदत्त समता के अधिकार का उल्लंघन करता है। इसके साथ ही परस्पर आपसी सहमति से दो बालिगों के बीच समलैंगिक संबंध बनाना अब अपराध नहीं होगा। हालांकि, बच्चों और पशुओं से यौन संबंध बनाना पूर्व की तरह अपराध की श्रेणी में बना रहेगा।
धारा 377 को अवैध करार दिए जाने के बाद से पूरे देश में जश्न का माहौल है। हालांकि इस ऐतिहासिक फैसले के कुछ ही देर बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर अपनी निराशा जाहिर की। स्वामी ने निराशा जाहिर करते हुए कहा कि समलैंगिकता एक ‘जेनेटिक डिसऑर्डर’ है। स्वामी ने कहा कि ये कोर्ट द्वारा दिया गया फैसला अंतिम नहीं है इसे सात जजों की पीठ द्वारा पलटा जा सकता है।
बीजेपी के राज्यसभा सांसद कहा कि यह अमेरिकी खेल है। जल्द ही यहां गे बार खोले जाएंगे जहां पर होमोसेक्सुअल जा सकते हैं। इससे एचआईवी के मामले बढ़ेंगे। इन परिमाणों को देखने के बाद मुझे उम्मीद है कि अगली सरकार सात जजों की बेंच के पास पूरा मामला लेकर जाएगी। जो पांच जजों की बेंच के फैसले को पलट देगी।
स्वामी ने आगे कहा कि किसी के निजी जीवन में क्या हो रहा है, यह किसी के लिए विषय नहीं होना चाहिए और न ही उसे दंडित किया जाना चाहिए। यह एक जेनेटिकल डिसऑर्डर है, जैसे कि किसी व्यक्ति की 6 अंगुलियां होती हैं। इससे निपटने के लिए मेडिकल रिसर्च होना चाहिए।
It is the American game. Soon there will be gay bars here where homosexuals can go. HIV will spread. So, after looking at the consequences I hope the next Govt will move a 7 judge bench to set aside this 5 judge bench order: Subramanian Swamy,BJP MP on #Section377 pic.twitter.com/htFxVXUlXz
— ANI (@ANI) September 6, 2018
बता दें कि स्वामी की यह टिप्पणी तब आई है जब सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने एकमत से 158 साल पुरानी भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के उस हिस्से को निरस्त कर दिया जिसके तहत परस्पर सहमति से अप्राकृतिक यौन संबंध बनाना अपराध था। न्यायालय ने कहा कि यह प्रावधान संविधान में प्रदत्त समता के अधिकार का उल्लंघन करता है।
बॉलीवुड सितारों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए खुशी जाहिर की है। करण के अलावा कई अन्य बॉलीवुड स्टार्स ने भी इस फैसले पर खुशी जताई है। बॉलीवुड के मशहूर फिल्म डायरेक्टर करण जौहर ने ट्वीट कर खुशी जाहिर की है। उन्होंने समलैंगिकता को अपराध नहीं मानने और धारा 377 खत्म करने पर देश को ऑक्सीजन वापस मिलने की बात कही है।
करण जौहर ने ट्वीट किया, ‘ऐतिहासिक फैसला। बहुत गर्व महसूस हो रहा है। समलैंगिकता को अपराध नहीं मानना और धारा 377 को खत्म करना मानवता तथा समान अधिकारों के लिए बड़ी उपलब्धि है। इस देश को अपना ऑक्सीजन वापस मिल गया है।’