ज़ी मीडिया के चेयरमैन सुभाष चन्द्रा सोमवार को एक असमान्य कदम उठाते हुए लाइव टेलीविज़न पर अपने चैनल के लिए अपील करते नज़र आए।
उन्होंने ज़ी न्यूज़ के प्राइम टाइम शो “DNA” पर आ कर उन आरोपों का खंडन किया कि ज़ी न्यूज़ भाजपा का मुखपत्र है।
उन्होंने कहा ज़ी न्यूज़ एक निष्पक्ष चैनल है और इसे भाजपा का चैनल कहना सरासर गलत है।
सुभाष चन्द्र का ज़ी न्यूज़ पर आकर अपने और चैनल के बारे में 10 मिनट तक स्पष्टीकरण देना इस लिहाज़ से महत्वपूर्ण है क्योंकि उसी दिन दिल्ली सरकार ने ज़ी न्यूज़ सहित तीन चैनलों के ख़िलाफ आपराधिक मामला दर्ज़ करने के आदेश दियें थे।
उन्होंने बीजेपी के समर्थकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि उन्हें यह समझना चाहिए कि ज़ी न्यूज़ भाजपा का मुखपत्र नहीं है।
दिल्ली सरकार ने तीन मीडिया चैनलों पर जेएनयू के फ़र्ज़ी वीडियो को प्रसारित करने के आरोप में केस दायर किया है जिसमें एक ज़ी न्यूज़ भी है।
इस केस की जांच राजस्व विभाग की निगरानी में ही की जा रही थी।
सुभाष चंद्रा ने भाजपा से रिश्ते की बात को कभी छुपाया नहीं है। उन्होंने 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान हिसार में भाजपा के लिए चुनाव प्रचार किया था।
लेकिन सोमवार की रात को उन्होंने बताया की उनके रिश्ते भाजपा के साथ वैसे ही जैसे कांग्रेस के साथ है।
ज़ी न्यूज़ के एक सूत्र ने जनता का रिपोर्टर को बताया
कि सुभाष चन्द्रा फ़र्ज़ी वीडियो के विवाद और दिल्ली सरकार के सख्त कदम से काफी परेशान हैं।
दिल्ली सरकार के एक सूत्र का कहना है कि अगर आरोप सिद्ध हुए तो अरविन्द केजरीवाल आरोपी चैनलों को बंद करने की भी सिफारिश कर सकते हैं।