सोशल मीडिया एक ऐसा मंच है जहां एक से बढ़कर एक एक्सपर्ट आपके हर ट्वीट और पोस्ट पर गिद्ध की तरह नजर गड़ाए बैठे हुए हैं, जो पलभर में आपकी पोल खोल देंगे और आप ट्रोल हो जाएंगे। जी हां, ताजा मामला ज़ी ग्रुप के चेयरमैन और राज्य सभा सांसद सुभाष चंद्रा जुड़ा है, जिन्हें निष्पक्ष पत्रकारिता पर ट्वीट करना भारी पड़ गया।
दरअसल, सुभाष चंद्रा ने 8 जुलाई को ट्विटर पर पत्रकारिता की आड़ में गोरखधंधा चलाने वालों को निशाने पर लेते हुए ट्वीट किया, “पत्रकारिता की आड़ में गोरख अजेंडा चलाना ‘द कायर’ की पहचान है। कुछ समय पहले आर्मी चीफ़ की तुलना ‘द कायर’ ने डायर के साथ की थी।”
पत्रकारिता की आड़ में गोरख अजेंडा चलाना ‘द कायर’ की पहचान है। कुछ समय पहले आर्मी चीफ़ की तुलना ‘द कायर’ ने डायर के साथ की थी।
— Dr. Subhash Chandra (@subhashchandra) July 8, 2017
फिर क्या चंद्रा के ट्वीट के फौरन बाद यूजर्स उनका क्लास लेने लगे। कुछ यूजर्स ने चंद्रा को सलाह देते हुए कहा कि दूसरो पर उंगली उठाने से पहले अपने गिरेबां में भी कभी झांक लिया करो। एक यूजर्स ने ट्वीट किया, ‘अपने ही ट्वीट को बार बार पढो। तुम्हे “कायर” तो मिलेगा ही साथ ही साथ “दलाल” भी दिखेगा।’
एक शख्स ने लिखा, ‘मिस्टर चंद्रा… एक बहुत पुरानी कहावत है। दूसरो पर अंगुली उठाने से पहले अपनी ओर भी देखले लो।’ दूसरे ने लिखा है, “द कायर क्या कर रहा है वह मैं नहीं जानता सुभाष जी पर आपके लोग 100 करोड़ की फिरौती मांगते हुए जेल जरूर गए थे।”
बता दें कि जी ग्रुप के समाचार चैनलों के दो संपादकों सुधीर चौधरी और समीर अहलुवालिया 2012 में गिरफ्तार हो चुके हैं। जिंदल स्टील एंड पावर की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने इन दोनों संपादकों को गिरफ्तार किया था। इन पर कोयला घोटाले की खबर को लेकर जिंदल स्टील के नवीन जिंदल ने जी ग्रुप के संपादकों पर गलत तरीके से पैसे मांगने का आरोप लगाया था।
Sir naven jindal se 100 crore mangne wale rastwadi patekar apke chee news ke hai
— aurangzeb khan (@afreenzebkhan) July 8, 2017
सही कहा।
अपने ही ट्वीट को बार बार पढो।
तुम्हे "कायर" तो मिलेगा ही साथ ही साथ "दलाल" भी दिखेगा।https://t.co/IUKrqW3xdg— Md Obaidullah (@mdbaid) July 9, 2017
Oh right you're saying this for your @ZeeNews "kayar" presstitutes @sudhirchaudhary @sardanarohit and full ganghttps://t.co/8XCSpnIFzq
— bilal motorwala (@bilal_motorwala) July 9, 2017
कांग्रेस की नाकामियों को बोलने पर हम देशभक्त कहलाते थे
बीजेपी की नाकामियों को बोलने परतो देशद्रोही कहलाये जाते है@subhashchandra आपकी वजह से— bablu(G S) #BDL (@babulalkhan786) July 9, 2017
कोयले की भट्टी से बाहर निकलो किसका मुँह काला है
— Sharif gonaved (@Sharif15546205) July 9, 2017
@RufiZaidi वो तो दिख रहा है गोरख एजेंडा कौन चला रहा है कौन दलाल है और कौन पीत पत्रकारिता के आदि हो चुके है
— Danish khan (@khandanish177) July 9, 2017
बिकाऊ लोग जब प्रवचन देते हैं तो ख़ुशी होती है । भोगी के चापलूसी का असर है
— Ravish ravi (@ravishcravi) July 9, 2017
Mr. Chandra… एक बहुत पुरानी कहावत है। दूसरो पर अंगुली उठाने से पहले अपनी ओर भी देखले।
— Puneet Kumar Gupta (@puneetgupta24) July 9, 2017
तिहाड़ी, राजनैतिक दल की मदद से राज्यसभा में ?
आप निष्पक्ष पत्रकारिता की बात अपने मुह से मत किया करे ?
पत्रकारिता का स्तर गिराया है आपने!!— Shailesh Jaiprakash (@ShaileshPyasi) July 10, 2017
Hahaha Chhi news bata raha hai journalism ke bare me. Kuchh din pehle iska ek reportet Tihat gaya tha 100 cr ke mamle me
— rahul ranjan (@rahutrue) July 10, 2017