अरुणाचल प्रदेश के तवांग में शुक्रवार(6 अक्टूबर) को एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में सात जवानों की मृत्यु होने के दो दिन बाद इन सैनिकों के शव कथित तौर पर प्लास्टिक की बोरियों में लपेटे जाने और कार्डबोर्ड में बंधे होने की तस्वीरें सोमवार(9 अक्टूबर) को सामने आईं जिसे लेकर लोगों में आक्रोश फैल गया है।तस्वीर सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोग इसका जमकर विरोध कर रहे हैं और गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। उत्तरी सैन्य कमान के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एचएस पनाग ने शवों की तस्वीर के साथ अपने ट्वीट में कहा, ‘‘सात युवा अपनी मातृभूमि भारत की सेवा करने के लिए कल दिन के उजाले में निकले। और वे अपने घर इस तरह आए।’’
Seven young men stepped out into the sunshine yesterday, to serve their motherland. India.
This is how they came home. pic.twitter.com/OEKKcyWj0p— Lt Gen H S Panag(R) (@rwac48) October 8, 2017
वहीं, क्रिकेटर गौतम गंभीर ने भी इस घटना को शर्मनाक करार देते हुए ट्विटर पर निराशा व्यक्त किया है। गंभीर ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘IAF क्रैश के शहीदों के शव…शर्मनाक! माफ़ करना ऐ दोस्त, जिस कपड़े से तुम्हारा कफ़न सिलना था वो अभी किसी का बंद गला सिलने के काम आ रहा है!!!.’
IAF क्रैश के शहीदों के शव…शर्मनाक! माफ़ करना ऐ दोस्त, जिस कपड़े से तुम्हारा कफ़न सिलना था वो अभी किसी का बंद गला सिलने के काम आ रहा है !!! pic.twitter.com/fOWyymhozb
— Gauttam Gambhir (@GautamGambhir) October 8, 2017
सेना ने दी सफाई
एजेंसी भाषा के मुताबिक, विवाद बढ़ता देख इस पर सेना ने एक बयान जारी करके कहा कि स्थानीय संसाधनों से शवों को लपेटना ‘भूल’ थी और मृत सैनिकों को हमेशा ही पूर्ण सैन्य सम्मान दिया गया है। सेना ने बयान में कहा कि पार्थिव शरीरों को बॉडी बैग्स, लकड़ी के बक्से और ताबूत में लाया जाना सुनिश्चित किया जाएगा।
सेना द्वारा जारी बयान में कहा गया कि अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र में सीमित संसाधनों के कारण हेलिकॉप्टर ज्यादा भार नहीं ले जा सकते। बयान में कहा गया कि गुवाहाटी बेस अस्पताल में पोस्टमार्टम के तुरंत बाद शवों को पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ लकड़ी के ताबूत में रखा गया। इसमें कहा गया है कि पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ श्रद्धांजलि देने के बाद सभी जवानों के शवों को उनके परिजन के पास भेजा गया।
एक अधिकारी के अनुसार तस्वीरें उस वक्त ली गईं जब शव गुवाहाटी में थे। लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) पनाग ने कहा कि जब तक ताबूत उपलब्ध नहीं हों तब तक शवों को अग्रिम स्थानों से ले जाने में उचित सैन्य बॉडी बैग्स का अवश्य इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
सात जवानों की मौत
बता दें कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग में शुक्रवार की सुबह Mi-17 V5 हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना में दो पायलटों समेत पांच वायु सेनाकर्मियों और थल सेना के दो सैनिकों की मौत हो गई थी। यह हादसा सुबह लगभग छह बजे चीन की सीमा के पास तवांग में हुआ था। इसमें भारतीय वायुसेना के दो पायलट सहित पांच कर्मी और सेना के दो जवान मारे गये।
Shameful. This is how we treat the bodies of our soldiers. What kind of nationalists are we? https://t.co/l8VTkCt9uU
— Nidhi Razdan (@Nidhi) October 8, 2017
In "nationalist" India, soldiers who died in the line of duty are brought home like this. What a shame.
Pics via Gen @rwac48 pic.twitter.com/3JkJD4XK7e— Saikat Datta (@saikatd) October 8, 2017
जिस देश में जिंदा सैनिक के खाना मांगने पर सेना से निकाल दिया जाता है, और एक सैनिक के पिता एखलाक के हत्यारे को तिरंगे में लपेटा जाता हो। उस देश मे ऐसा ही होता है।
— किसान भाई (@AazaadBhaarat) October 8, 2017
This is very shameful, and equally disgusting. Forget about common citizen, at least our National hero's doesn't deserves such treatment.
— Ishtiaq Khan (@ishtiaq787) October 8, 2017