फ्रांस से खरीदे गए 36 राफेल लड़ाकू विमानों की श्रृंखला में प्रथम विमान मंगलवार को भारत को मिल गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मौके परंपरानुसार शस्त्र पूजा की। मंगलवार को फ्रांस में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राफेल विमान पर ऊं लिखा और विमान में रक्षा सूत्र बांधा। उन्होंने विमान पर नारियल, फूल आदि चढ़ाए और विमान के टायरों के नीचे नीबू भी रखे। राफेल लड़ाकू विमान की पूजा करते हुए राजनाथ सिंह की कुछ तस्वीरें भी सामने आई है, जो अब सोशल मीडिया खूब वायरल हो रही हैं। इस पर सोशल मीडिया यूजर्स भी जमकर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
राफेल लड़ाकू विमान की पूजा करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की तस्वीरें सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर चर्चा होने लगी की क्या देश के रक्षा मंत्री के लिए अंधविश्वास को बढ़ावा देना उचित है। फेसबुक पर एक यूजर ने लिखा, “भारत देश की रक्षा के लिए राफेल खरीदता है, फिर वे राफेल की रक्षा के लिए नींबू खरीदते हैं”।
वहीं, अलका लांबा ने लिखा, “सोचो अभी तो फ्रांस निर्मित Rafale भारत में पहुँचा भी नहीं और आने से पहले ही हासिल की पहली बड़ी कामयाबी। करा 2 हरे भरे नींबूओं का सफ़ाया और भारत को दुश्मन की बुरी नजरों से भी बचाया।”
वहीं, एक अन्य यूजर ने लिखा, “जब ‘नींबू मिर्च’ ही पावरफुल है, तो राफेल जैसे महंगे फाइटर प्लेन लेने की क्या जरूरत? बॉर्डर पर नींबू-मिर्च लटका दीजिये।” एक अन्य यूजर ने लिखा, “राफेल के नीचे नींबू मिर्ची रखी गई,यह अंधविश्वास है या श्रद्धा।” बता दें कि, इसी तरह तमाम यूजर्स अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
देखिए कुछ ऐसे ही ट्वीट
सोचो अभी तो #फ्रांस निर्मित #Rafale #भारत में पहुँचा भी नहीं और आने से पहले ही हासिल की पहली बड़ी कामयाबी,
करा 2 हरे भरे नींबूओं का सफ़ाया और भारत को दुश्मन की बुरी नजरों से भी बचाया…. ? pic.twitter.com/r1KJiBxdRz— Alka Lamba – अलका लाम्बा?? (@LambaAlka) October 8, 2019
राफ़ेल जैसे लड़ाकू विमान फ़्रांस जैसे छोटे देश अपनी वैज्ञानिक सोच,रिसर्च और अध्ययन के दम बना सकते है लेकिन विश्वगुरु रहा मेरिटधारियों वाला भारत कोई नया अविष्कार नहीं कर सकता।हाँ, सत्ता शीर्ष पर बैठे लोग दूसरों द्वारा निर्मित जहाज़ पर नींबू-मिर्च लटका अंधविश्वास ज़रूर फैला सकते है
— Sanjay Yadav (@sanjuydv) October 8, 2019
इमरान खान भी रफाल बनाने वाली कंपनी के पास गए और पूछा- 'ये बड़े वाले नींबू क्या भाव दिए?' #Rafale
— Kirtish Bhatt (@Kirtishbhat) October 9, 2019
जब "नींबू-मिर्च" ही पॉवरफुल है ?
तो रॉफेल जैसे महंगे फाईटर प्लेन लेने की क्या जरूरत ?
बॉर्डर पर नींबू-मिर्च लटका दीजिये ?
??? pic.twitter.com/ZgxcDaSBYQ
— ? Ritu Singh ? (@RiituS) October 9, 2019
रफेल के नीचे नींबू मिर्ची रखी गई,यह अंधविश्वास है या श्रद्धा @rajnathsingh @PMOIndia pic.twitter.com/3M9Mvp3qxV
— Dr.ANAND RAI (@anandrai177) October 8, 2019
पीले रंग का भी होता हैं नींबू फिर भी रफाल के पहियों के नीचे जानबूझकर हरे नींबू कुचले..भारत हमे डरा रहा है #इमरान_खान #RunAwayForce_IAF pic.twitter.com/t2D0bIy8J2
— सौरभ गुप्ता↗️????? (@SaurabhKG3) October 9, 2019
राफेल बनाने वाले इंजीनियर उस वक्त बेहोस हो गए,,,
जब उनको पता चला बिना #नींबू_मिर्च से आर्ती उतारे ये हमला नहीं कर सकता?#RafalePujaPolitics
— Parvez Pathan پرویز پٹھان (@parvezpathon1) October 9, 2019
देश की सुरक्षा के लिए राफेल
राफेल की सुरक्षा के लिए नींबू
???
अभिनिन्दा – pic.twitter.com/nomXlmniso— NADAAN 2.0 (@Note_Bandi_Wala) October 9, 2019
जब निंबू मिर्ची पर इतना विश्वास है तो करोड़ों रुपए का राफेल जहाज क्यों खरीदा..? अंधविश्वास ??? pic.twitter.com/03NOBwD6fg
— Tapan Sharma (@Tapan_999) October 8, 2019
देश को राफेल बचाएगा।
राफेल को नींबू बचाएगा।
नींबू को चोकीदार बचाएगा इसलिए भाइयों भेनों,,, pic.twitter.com/exCWGedoUl— Raj Kumar (@chiya9) October 9, 2019
वहीं, फ्रांस में राफ़ेल का शस्त्र पूजन करने के बाद राजनाथ सिंह ने मंगलवार को एक ट्वीट कर लिखा, “विजयादशमी ने अवसर पर आज फ़्रांस में किया राफ़ेल का शस्त्र पूजन। दशमी के अवसर पर शस्त्रों का पूजन भारत की प्राचीन परम्परा रही है।”
विजयादशमी ने अवसर पर आज फ़्रांस में किया राफ़ेल का शस्त्र पूजन।दशमी के अवसर पर शस्त्रों का पूजन भारत की प्राचीन परम्परा रही है। pic.twitter.com/f4TuEKkpwC
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 8, 2019
राजनाथ सिंह ने राफेल लड़ाकू विमान में करीब 25 मिनट उड़ान भरने के बाद कहा कि भारत किसी अन्य देश को धमकाने के लिए हथियार नहीं खरीदता है। उन्होंने कहा कि यह लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना को और मजबूती प्रदान करेगा। फ्रांस से खरीदे गये 36 राफेल लड़ाकू विमानों की श्रृंखला में प्रथम विमान सौंपे जाने के लिये मेरिनियाक में आयोजित एक समारोह में सिंह अपनी फ्रांसीसी समकक्ष फ्लोंरेंस पार्ले के साथ शरीक हुए, जहां सिंह को औपचारिक रूप से प्रथम राफेल विमान सौंपा गया।