मंगलवार को राज्यसभा के सभापति ने सीताराम येचुरी के स्मृति ईरानी के खिलाफ दिए गए विशेषाधिकार प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और इसे कमेटी ऑफ प्रीविलेज के पास भेज दिया है। सीताराम येचुरी ने जेएनयू मुद्दे को लेकर स्मृति ईरानी के खिलाफ नोटिस दिया था।

स्मृति ईरानी के खिलाफ दिए गए विशेषाधिकार प्रस्ताव पहले ही राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि, हम लोगों ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ राज्यसभा में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का नोटिस दिया है। हैदराबाद विश्वविद्यालय से संबंधित मामले पर चर्चा के दौरान ईरानी ने सदन को गुमराह किया। मंत्री ने संसद के जरिए राष्ट्र को भी दिग्भ्रमित किया है। इसलिए हम लोग उनके खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव लाए हैं।
विपक्ष ने आरोप लगाया है कि जेएनयू और रेहित वेमुला मामले पर सदन में बहस के दौरान स्मृति ईरानी ने जो जवाब दिया उसमें गलत जानकारी दी है। विपक्षी दलों का कहना है कि स्मृति ईरानी ने संसद में पांच जगह गलत तथ्य पेश किए हैं और उन्होंने जानबूझकर सदन को गुमराह किया।
एथिक्स समिति ने अगर उनके विरुद्ध सदन को गुमराह करने के आरोपों को सही पाया तो उनकी सदस्य्ता भी जा सकती है।