स्मृति ईरानी के लिए फैसलों पर नये HRD मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर हैरान है कि उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) के निर्देशक पद के लिए कैसे-कैसे लोगों के नाम चुनकर राष्ट्रपति के पास स्तुति के लिए भेज दिए थे।
अब एनआईटी वारंगल और एनआईटी दुर्गापुर के निदेशक पद के लिए फिर से विज्ञापन निकाले जाएंगे। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि प्रकाश जावड़ेकर को लगा कि स्मृति ने जिन लोगों के नाम चुने थे वे तो, वह तो इस पद के उपयुक्त ही नहीं है?

शैक्षिणिक चुनौतियों और शिक्षा की भारत में भावी सम्भावनाआंे के प्रति नाटकों की सुपर स्टार पूर्व HRD मिनिस्टर के नज़रिए और कामों को सबने देखा था कि खुद बीजेपी सरकार ने स्मृति ईरानी की कारगुजारियों से तंग आकर मानव संसाधन मंत्रालय से रूखसत कर दिया था। उनकी खुद की शैक्षिणिक योग्यता संदेह के घेरे में थी। इसलिए सरकार ने स्मृति को दूर रखना ही बेहतर समझा था।
स्मृति ईरानी ने मानव संसाधन विकास मंत्री रहते हुए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) के लिए निदेशकों के नामों का चुनाव कर लिया था।
इसके लिए नौ नामों का चुना जाना तय हुआ था, और इससे संबंधित फाइलें भी राष्ट्रपति को स्तुति के लिए भिजवा दी गई थीं। जनसत्ता की खबर के अनुसार राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नए मंत्री की राय जानने के लिए फाइलें वापस भिजवाईं। ऐसा लगता है कि मंत्रालय अब नौ एनआईटी में से दो के पैनल को खत्म करने पर विचार कर रहा है।
सूत्रों ने कहा कि एनआईटी वारंगल और एनआईटी दुर्गापुर के निदेशक पद के लिए फिर से विज्ञापन निकाले जाएंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि जावड़ेकर को लगा कि स्मृति ने जिनका नाम चुना था, वह पद के उपयुक्त नहीं है। वारंगल के निदेशक पद वाले उम्मीदवार विजिलेंस क्लियरेंस हासिल नहीं कर पाए, जबकि दुर्गापुर के उम्मीदवार के खिलाफ कई शिकायतें जावड़ेकर को मिली हैं।