स्मृति ईरानी को मनीष सिसोदिया का जवाब, कहा देश के सारे कम्प्यूटर को राष्ट्रविरोधी घोषित कर देना चाहिए

0

बीजेपी सरकार के राष्ट्रवाद के एजेंण्डे को लागू कराने में लगी स्मृति ईरानी को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का करारा जवाब झेलना पड़ा। मानव संसाध मंत्री के कालेजों में संस्कृत को अनिवार्य कराने की मुहिम पर सिसोदिया ने ट्विीट कर कहा कि ‘हर किसी को समझ लेना चाहिए कि संस्कृत ही एकमात्र ऐसी भाषा है जो C++, Java, SQL, Python, Javascript का मुकाबला कर सकती है।’

इसके बाद उन्होंने एक और ट्वीट कर लिखा, ‘देश में जितने भी कम्प्यूटर C+, Java, SOL, Python…का इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें राष्ट्रविरोधी घोषित कर देना चाहिए।’

मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने सोमवार को संसद में दिए जवाब में बताया, ‘पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एन गोपालास्वामी की अध्यक्षता में गठित समिति ने आईआईटी में संस्कृत की पढ़ाई कराने की सिफारिश की थी।

इसके बाद मानव संसाध मंत्री स्मृति ईरानी पर विपक्ष के बाणों की बौछार शुरू हो गयी सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि एचआरडी मिनिस्ट्री का नाम बदलकर हिंदू राष्ट्र डेवलपमेंट मिनिस्ट्री कर दिया जाए। संस्कृत भी अगर पढ़नी है तो पढ़ें, लेकिन इसके लिए आदेश देना गलत है।

वहीं कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने कहा, ‘मैंने स्कूल में संस्कृत सीखी थी। नई भाषा सीखनी चाहिए। स्कूल में लागू कीजिये, संस्कृत सिखाइए, लेकिन आईआईटी में नहीं होना चाहिए।’ जेडीयू नेता अली अनवर ने कहा कि विफल नीतियों से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह की बातें की जाती हैं।

राज्यसभा में कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, ‘किस भाषा कि पढ़ाई हो ये पढ़ने वालों और पढ़ाने वालों की जरूरत है। देश का एजेंडा लागू होना चाहिए, किसी पार्टी का नहीं।’ कांग्रेस के ही नेता और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने कहा कि संस्कृत जहां पढ़ाई जानी जाहिए, वहां पढ़ाइए। इंजीनियरिंग में संस्कृत का कोई लेना-देना नहीं है।

Previous articleTrouble for Smriti Irani as Rajya Sabha chairman admits privilege motion against her
Next articleस्मृति ईरानी की मुश्किलें बढ़ीं, राज्यसभा के सभापति ने विशेषाधिकार प्रस्ताव को स्वीकार किया