प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट खुले में शौच से मुक्त (ODF) भारत अभियान को औपनिवेशिक मानसिकता से ग्रस्त बताने वाली मध्यप्रदेश की महिला आईएएस अधिकारी दीपाली रस्तोगी को राज्य सरकार ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
देश के एक अंग्रेजी अखबार में इस महीने के पहले सप्ताह में एक लेख छपा था, जिसमें वर्ष 1994 बैच की आईएएस अधिकारी दीपाली ने केन्द्र सरकार द्वारा शुरू किये गये ओडीएफ की आलोचना की थी। इसमें उन्होंने इस अभियान को औपनिवेशिक मानसिकता से ग्रस्त बताने के साथ-साथ इसके सफल होने पर भी यह कहकर सवाल उठाया था कि जहां पीने का पानी नहीं वहां शौचालय में कहां से पानी डाला जाएगा।
भाषा की खबर के अनुसार, इसी लेख को लेकर उन्हें यह कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। दीपाली रस्तोगी मध्यप्रदेश आदिवासी कल्याण विभाग की आयुक्त हैं और वर्तमान में भोपाल में पदस्थ हैं।
मुख्यमंत्री सचिवालय में काम करने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज यहां बताया, अधिकारी दीपाली रस्तोगी को अखिल भारतीय सेवा नियमों का कथित रूप से उल्लंघन करने के लिए कल कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने यह नोटिस अंग्रेजी अखबार में छपे उस लेख के लिए दीपाली को दिया है, जिसमें उन्होंने खुले में शौच से मुक्त भारत अभियान पर अपने विचार व्यक्त किये थे और उनसे जवाब भी मांगा गया है।
ओडीएफ पर अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित लेख में दीपाली ने लिखा, गोरों के कहने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुले में शौच मुक्त अभियान चलाया, जिनकी वॉशरूम हैबिट भारतीयों से अलग है।