दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच शुरू हुआ टकराव फिलहाल खत्म होता नहीं दिख रहा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) अनिल बैजल के आवास पर लगातार पिछले आठ दिनों (11 जून शाम से) से धरने पर बैठे हुए हैं। केजरीवाल का साथ निभाने के लिए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मंत्री सत्येंद्र जैन और गोपाल राय लगातार उनके साथ धरने पर बने हुए है। धरने में शामिल सिसोदिया और जैन उपराज्यपाल के दफ्तर में बेमियादी भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं।हालांकि, दिल्ली में आईएएस अधिकारियों द्वारा लंबे अरसे से कथित हड़ताल पर जाने और असहयोग के मुख्यमंत्री केजरीवाल के आरोपों का आईएएस एसोसिएशन ने पुरजोर खंडन किया है। आईएएस एसोसिएशन ने रविवार (17 जून) शाम को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि कोई अधिकारी हड़ताल पर नहीं हैं। सारे अधिकारी काम कर रहे हैं और यहां तक कि जरूरत पड़ने पर छुट्टियों के दिन भी काम कर रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि राजनीतिक फायदे के लिए ब्यूरोक्रेट्स का इस्तेमाल किया जा रहा है।
केजरीवाल को मिला आधा दर्जन राजनीतिक पार्टियों का साथ
आईएएस अधिकारियों की हड़ताल के मुद्दे पर सीएम केजरीवाल को करीब आधा दर्जन राजनीतिक पार्टियों को समर्थन मिला है। जनता दल (सेक्युलर), तेलुगू देशम पार्टी, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रीय जनता दल, माकपा एवं अन्य राजनीतिक दलों ने आम आदमी पार्टी को अपना समर्थन जताया है। इतना ही नहीं सोमवार (18 जून) को दो और राजनीतिक दलों का भी केजरीवाल को साथ मिल गया।
केंद्र सरकार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की मुख्य सहयोगी शिवसेना और जनता दल युनाइटेड (JDU) ने भी खुलकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का समर्थन किया है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सीएम अरविंद केजरीवाल से फोन पर बात की है। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल के साथ जो हो रहा है, वो सही नहीं है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने अनूठे ढंग में आंदोलन शुरू किया है।
संजय राउत ने कहा, ”अरविंद केजरीवाल का ये मूवमेंट अपने आप में अनोखा है। इस मामले पर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने खुद अरविंद केजरीवाल से फोन पर बात की है।” उन्होंने बताया, ”उद्धव ठाकरे ने कहा है कि केजरीवाल दिल्ली के लिए अच्छा कर रहे हैं। केजरीवाल की सरकार दिल्ली की चुनी हुई सरकार है। अभी जो कुछ भी दिल्ली में हो रहा है वह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।”
The type of movement Arvind Kejriwal has started is a unique one. Uddhav Thackeray had a conversation with him & said that Kejriwal has the right to work for Delhi because they are the elected govt. Whatever is happening to them, it's not good for democracy:Sanjay Raut, Shiv Sena pic.twitter.com/HicE0nSDI5
— ANI (@ANI) June 18, 2018
वहीं, बीजेपी की एक और सहयोगी नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने भी केजरीवाल के प्रति हमदर्दी दिखाई है। जेडीयू नेता पवन वर्मा ने ट्वीट कर कहा, ”मुख्य सचिव के साथ दुर्व्यवहार के बाद, जब सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस बात का आश्वासन दिया था कि दोबारा ऐसा नहीं होगा तो आईएएस अधिकारियों को अब फौरन अपने काम पर लौट जाना चाहिए। उन्हें दिल्ली वासियों के लिए ऐसा करना होगा।” उन्होंने कहा, ”जो अधिकारी निर्वाचित सरकार का सहयोग नहीं कर रहे हैं शायद उन्हें तत्काल राजनीतिक तौर पर कुछ फायदा मिल जाए, लेकिन ये हमारे लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।”
@ArvindKejriwals While condemning the alleged misbehaviour against the CS, now that the CM’s has assured IAS officers regarding their safety, and appealed to them to resume their mandated duties, they must do so immediately, for the people of Delhi.
— Pavan K. Varma (@PavanK_Varma) June 18, 2018
इसके अलावा तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी पार्टी डीएमके के कार्यवाहक अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने भी सीएम केजरीवाल को अपना समर्थन दिया है। स्टालिन ने शनिवार रात ट्वीट कर लिखा, ‘मैं दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा अरविंद केजरीवाल जैसे मुख्यमंत्री का तिरस्कार किए जाने से हैरान हूं। बीजेपी अग्र-सक्रिय रूप से देश के संघीय ढांचे को नष्ट कर रही है। मैं मुख्यमंत्री के प्रति अपना समर्थन जताता हूं जो कि राज्य के अधिकार के लिए खड़े हैं।’
I am concerned with the disdain shown by Lt. Gov. of Delhi towards an elected Chief Minister like @ArvindKejriwal. The BJP is proactively destroying the federal structure of this nation. I express my solidarity with the Chief Ministers who are standing up for States' rights.
— M.K.Stalin (@mkstalin) June 16, 2018
चार मुख्यमंत्रियों ने किया समर्थन
बता दें कि इससे पहले चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने शनिवार (16 जून) को दिल्ली आकर धरने पर बैठे केजरीवाल को समर्थन दिया था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने रविवार (17 जून) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान भी इस मसले को उठाया और कहा कि वे जल्द से जल्द दिल्ली में मच घमासान को खत्म करने में मदद करें।
केजरीवाल का 8वें दिन भी धरना जारी
आम आदमी पार्टी की सरकार और उपराज्यपाल में तकरार के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का धरना 8वें दिन भी जारी है। दूसरी ओर आईएएस अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से आरोप लगाया है कि राजनीतिक फायदे के लिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। वहीं मुख्यमंत्री केजरीवाल ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारियों की राष्ट्रीय राजधानी में हड़ताल खत्म कराने के लिए सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की।
केजरीवाल ने ट्वीट किया, “मैं माननीय प्रधानमंत्री से अपील करता हूं कि वह अब आईएएस अधिकारियों को अपना हड़ताल समाप्त करने के लिए ‘ग्रीन सिग्नल’ दें।” केजरीवाल का यह ट्वीट आईएएस अधिकारियों को यह आश्वासन दिये जाने के बाद सामने आया है कि वह उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से अपना बहिष्कार समाप्त करने का भी अनुरोध किया है।