कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केरल की तिरुअनंतपुरम सीट से लोकसभा सांसद शशि थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पत्र लिख कर उन पर हमला बोला है। पत्र में उन्होंने कहा कि हमारा लोकतंत्र हमें किसी की आलोचना करने का हक़ देता है। ऐसे में किसी की आलोचना को देशद्रोह के रूप में देखना और ऐसा करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करना अनुचित है।
मॉब लिंचिंग पर पीएम मोदी को खत लिखने वाली करीब 50 हस्तियों पर हुई FIR के बाद शशि थरूर ने प्रधानमंत्री को संविधान के आर्टिकल 19(1)(a) की याद दिलाई है, जिसमें अभिव्यक्ति की आज़ादी का मुद्दा उठाया गया है। थरूर ने लिखा है कि कहीं ऐसा ना हो जाए कि लोगों की मन की बात, मौन की बात का रूप ले ले।
उन्होंने पीएम मोदी के एक पुराने भाषण का हवाला देते हुए कहा कि पीएम जी, आपने वर्ष 2016 में अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करते हुए भारत के संविधान को पवित्र पुस्तक बताया था। आपने कहा था कि भारत का संविधान सभी नागरिकों को स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति, भाषण और समानता का अधिकार प्रदान करता है।
शशि थरूर ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि संविधान हमें अपने विचार रखने की आज़ादी देता है, लेकिन बीते दिनों बिहार के मुजफ्फरपुर में 49 हस्तियों पर एक केस दर्ज किया गया क्योंकि उन्होंने मॉब लिंचिंग को लेकर आपको (प्रधानमंत्री) खत लिखा था। आज के समय में मॉब लिंचिंग, बच्चा चोरी जैसी घटनाएं देश के लिए बीमारी बन गई हैं।
Urging all those who believe in #FreedomOfExpression to send this or similar letters to @PMOIndia @narendramodi urging him to affirm the constitutional principle of our Article 19 rights & the value of democratic dissent — even if more FIRs follow as a result! #SaveFreeSpeech pic.twitter.com/MDIrros64j
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) October 8, 2019
गौरतलब है कि, भीड़ द्वारा पीट-पीटकर जान लेने के मामलों पर चिंता जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री मोदी को खुला खत लिखने वाले इतिहासकार रामचंद्र गुहा, फिल्मकार अनुराग कश्यप, मणिरत्नम और अपर्णा सेन समेत करीब 50 लोगों के खिलाफ बिहार के मुजफ्फरपुर में गुरूवार को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। स्थानीय वकील सुधीर कुमार ओझा की ओर से दो महीने पहले दायर की गई एक याचिका पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) सूर्य कांत तिवारी के आदेश के बाद यह प्राथमिकी दर्ज हुई है।
ओझा का आरोप है कि इन हस्तियों ने देश और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को कथित तौर पर धूमिल किया। पुलिस ने बताया कि प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत दर्ज की गई है। इसमें राजद्रोह, उपद्रव करने, शांति भंग करने के इरादे से धार्मिक भावनाओं को आहत करने से संबंधित धाराएं लगाई गईं हैं।
बता दें कि, इसी साल जुलाई में देशभर की करीब 49 बड़ी हस्तियों (जिसमें अनुराग कश्यप और श्याम बेनेगल जैसे लोग शामिल हैं) ने पीएम मोदी के नाम एक चिट्ठी लिखी थी। इन हस्तियों में समाज सेवक, बुद्धिजीवी, फिल्मकार और कलाकार शामिल हैं। इस चिट्ठी में देशभर में मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं पर गहरी चिंता जताई गई थी। साथ ही मांग की गई थी कि ऐसे अपराध को गैर-जमानती बनाया जाए और दोषियों को कठोर सजा दी जाए।
मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर पीएम मोदी के नाम चिट्ठी लिखने वालों सेलिब्रिटीज में साउथ सिनेमा के सबसे बड़े फिल्म निर्देशक अदूर गोपालकृष्णन, मणि रत्नम, फिल्मकार अनुराग कश्यप, बिनायक सेन, सौमित्रो चटर्जी, अभिनेत्री अपर्णा सेन, कोंकणा सेन शर्मा, रेवती, फिल्मकार श्याम बेनेगल, शुभम मुद्गल, रूपम इस्लाम, अनुपम रॉय, परमब्रता, रिद्धि सेन शामिल हैं। इसके अलावा पत्र में बिनायक सेन, डायरेक्टर अंजना दतता और गौतम घोष ने भी हस्ताक्षर किए हैं।