शरद यादव गुट ने नीतीश कुमार को हटा छोटू वसावा को बनाया JDU का कार्यकारी अध्यक्ष

0

महागठबंधन छोड़कर भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के साथ सरकार बनाने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जनता दल युनाइटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता शरद यादव के बीच तकरार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच शरद यादव की अगुआई वाले जेडीयू के बागी गुट ने गुजरात से विधायक छोटू भाई वसावा को पार्टी का कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया है।

(HT Photo)इतना ही नहीं, शरद गुट ने नीतीश कुमार की पार्टी अध्यक्ष पद नियुक्ति को रद्द कर उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए एक अनुशासनात्मक समिति का भी गठन किया है। शरद गुट के इस कदम से जेडीयू टूट की तरफ एक कदम और बढ़ चुकी है। जेडीयू नेता अरुण कुमार श्रीवास्तव ने रविवार (17 सितंबर) को बताया कि जेडीयू की ‘राष्ट्रीय कार्यकारिणी’ की बैठक में यह फैसला किया गया। हाल ही में गुजरात से राज्य सभा की 3 सीटों पर हुए चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल की जीत में वसावा के वोट का अहम योगदान था।

न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक, बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में श्रीवास्तव ने बताया कि बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी अध्यक्ष पद पर नियुक्ति को रद्द कर वसावा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। पार्टी के उपाध्यक्ष के. राजशेखरन की अध्यक्षता में हुई कार्यकारिणी की बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खेमे द्वारा महागठबंधन तोड़कर बीजेपी के साथ गठजोड़ करने सहित अन्य फैसलों को भी रद्द कर दिया गया।

श्रीवास्तव ने बताया कि बैठक में पार्टी नेता जावेद रजा द्वारा पेश संगठन संबंधी प्रस्ताव में नीतीश कुमार द्वारा पार्टी के चुनाव अधिकारी बनाए गए अनिल हेगड़े की नियुक्ति को रद्द करने के सुझाव को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही हेगड़े द्वारा की गई पदाधिकारियों की नियुक्ति स्वत: रद्द हो गई। उन्होंने बताया कि बैठक में देश भर से जुटे जेडीयू नेताओं ने नीतीश खेमे द्वारा बीजेपी से गठजोड़ करने को जनादेश का अपमान बताते हुए इस फैसले को रद्द किया है।

इसके अलावा हाल ही में नीतीश खेमे द्वारा जेडीयू पदाधिकारियों को पार्टी से निकालने के फैसले को भी निष्प्रभावी घोषित कर हटाए गए प्रदेश अध्यक्षों और अन्य पदाधिकारियों को उनके पद पर बहाल कर दिया। श्रीवास्तव ने बैठक में पार्टी की दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित 19 राज्य इकाईयों के अध्यक्षों और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों के हिस्सा लेने का दावा करते हुए शरद गुट को ही असली जेडीयू बताया।

शरद यादव की भविष्य की भूमिका के सवाल पर उन्होंने कहा कि कार्यकारिणी ने उन्हें समाजवादी विचारधारा वाले दलों को साझी विरासत अभियान के माध्यम से एक मंच पर लाकर भविष्य में महागठबंधन को प्रभावी स्वरूप में गठित करने की जिम्मेदारी सौंपी है।

श्रीवास्तव ने बताया कि कार्यकारिणी ने नीतीश खेमे के पार्टी विरोधी फैसलों की समीक्षा के लिए अनुशासन समिति का गठन किया है। तीन सदस्यीय इस समिति की अध्यक्षता वह स्वयं करेंगे। जबकि पार्टी के चुनाव चिह्न सहित अन्य मामलों से जुड़े विवादों पर भविष्य की रणनीति तय करने के लिए जेडीयू महासचिव जावेद रजा की अध्यक्षता में चुनाव विवाद समिति गठित की गई है।

अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि कार्यकारिणी के फैसलों पर मंजूरी के लिए आगामी 8 अक्टूबर को दिल्ली में जेडीयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलाई गई है। नीतीश सहित अन्य नेताओं के फैसलों को अनुशासनहीनता के दायरे में लाने के बारे में समिति की सिफारिशों पर अमल का फैसला राष्ट्रीय परिषद की बैठक में किया जाएगा।

श्रीवास्तव ने बताया कि कार्यकारिणी में पारित एक अन्य प्रस्ताव में संगठन की चुनाव प्रक्रिया अगले 6 महीने में पूरा करने का फैसला किया गया। इसके लिए कार्यकारी अध्यक्ष वसावा से अगले साल मार्च तक संगठनात्मक चुनाव संपन्न कराने को कहा गया है।

Previous article‘राजनीतिक नजरिये को लेकर बढ़ती असहिष्णुता पर अंकुश लगाने की जरूरत’
Next articleYC Modi named new NIA boss. He was part of SIT that gave Modi clean chit in Gujarat riots case