देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर मुद्दे पर मंगलवार(21 मार्च) को अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि दोनों पक्ष आपस में मिलकर इस मामले को सुलझाएं। साथ ही कोर्ट ने कहा कि यह मसला बेहद संवेदनशील मुद्दा है, अगर जरुरत पड़ी है तो सुप्रीम कोर्ट के जज मध्यस्थता करने को तैयार हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि राम मंदिर का मामला धर्म और आस्था से जुड़ा है।
चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर ने कहा कि दोनों पक्षों को मिल-बैठकर अापस में इस मुद्दे को कोर्ट के बाहर हल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर दोनों पक्ष आपसी बातचीत से कोई हल नहीं निकाल पाते, तो फिर कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर फैसला देने के लिए तैयार रहेगा।
शीर्ष अदालत ने कहा कि दोनों पक्ष इसके लिए वार्ताकार तय कर सकते हैं, जो विचार-विमर्श करें। कोर्ट ने कहा कि ये मामला धर्म और आस्था से जुड़ा है। इसलिए बातचीत के जरिए इस मामले को सुलझा लिया जाए। साथ ही कोर्ट ने स्वामी को आदेश दिया कि वे संबंधित पक्षों से बातचीत करें और फैसले के बारे में 31 मार्च तक जानकारी दें।
बता दें कि भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने कोर्ट से मांग की थी कि संवेदनशील मामला होने के नाते इस मुद्दे पर जल्द से जल्द सुनवाई हो। कोर्ट की टिप्प्णी के बारे में जानकारी देते हुए याचिकाकर्ता स्वामी ने पत्रकारों को बताया कि मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट के जज इस मामले में मध्यस्थता को तैयार हैं।