पूर्व महान बल्लेबाज सुनील गावसकर विश्व कप सेमीफाइनल में भारत की हार के बाद भी विराट कोहली को स्वाभाविक तौर पर कप्तान बनाए रखे जाने से असहमत नजर आते हैं। गावसकर का मानना है कि कोहली को कप्तान बनाए रखने से पहले एक आधिकारिक बैठक होनी चाहिए थी।
मिड-डे में प्रकाशित अपने लेख में उन्होंने लिखा, ‘अगर उन्होंने (चयनकर्ता) वेस्ट इंडीज दौरे के लिए कप्तान का चयन बिना किसी मीटिंग के कर लिया तो यह सवाल उठता है कि क्या कोहली अपनी बदौलत टीम के कप्तान हैं या फिर चयन समिति की खुशी के कारण?’
गावसकर ने लिखा, ‘हमारी जानकारी के मुताबिक उनकी (कोहली) नियुक्ति विश्व कप तक के लिए ही थी। इसके बाद चयनकर्ताओं को इस मसले पर मीटिंग बुलानी चाहिए थी। यह अलग बात है कि यह मीटिंग पांच मिनट ही चलती, लेकिन ऐसा होना चाहिए था।’ इस बीच पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर संजय मांजरेकर विराट कोहली के समर्थन में आगे आ गए हैं। मांजरेकर ने ट्विटर पर दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावसकर के उपरोक्त बयान से असहमति जताई है।
सुनील गावस्कर पर पलटवार करते हुए मांजरेकर ने लिखा, “मैं बहुत सम्मान के साथ भारतीय चयनकर्तओं और विराट कोहली को कप्तान बनाए रखने की गावस्कर सर की राय से असहमति जताता हूं। नहीं, भारतीय टीम ने विश्व कप में बुरा प्रदर्शन नहीं किया। टीम ने सात मैच जीते और दो हारे। आखिरी वाला तो काफी करीब से। और चयनकर्ता के रूप में पद से ज्यादा जरूरी गुण ईमानदारी है।”
Respectfully disagree with Gavaskar Sir with his views on Indian selectors & Virat being retained as capt. No, Ind did not put in a ‘much below par WC performance’, they won 7 lost two. Last one very narrowly. And integrity a far more important quality as selector than stature.
— Sanjay Manjrekar (@sanjaymanjrekar) July 29, 2019
एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली अखिल भारतीय चयन समिति ने वेस्ट इंडीज दौरे के लिए कोहली को तीनो फॉरमेट का कप्तान नियुक्त किया है। इस सीरीज की शुरुआत फ्लोरिडा में होने वाले टी-20 मुकाबलों से होगी। इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित प्रशासकों की समिति (CoA) ने साफ कर दिया कि वह विश्व कप में टीम के प्रदर्शन पर रिव्यू बैठक नहीं बुलाएगी, लेकिन वह इस विश्व कप में टीम के प्रदर्शन को लेकर टीम मैनेजर की रिपोर्ट पर विचार करेगी।
गावसकर ने पूरे मामले का माखौल उड़ाते हुए लिखा कि आखिरकार कोहली क्यों अपने मनमाफिक टीम चुनने का हक पाते रहे हैं। गावस्कर ने लिखा, ‘चयन समिति में बैठे लोग कठपुतली हैं। पुनर्नियुक्ति के बाद कोहली को मीटिंग में टीम को लेकर अपने विचार रखने के लिए बुलाया गया। प्रक्रिया को बाईपास करने से यह संदेश गया कि केदार जाधव, दिनेश कार्तिक को खराब प्रदर्शन के कारण टीम से बाहर किया गया, जबकि विश्व कप के दौरान और उससे पहले कप्तान ने इन्हीं खिलाड़ियों पर भरोसा जताया था और नतीजा हुआ था कि टीम फाइनल में भी नहीं पहुंच सकी।’