मोदी सरकार को आज(26 मई) तीन साल बीत चुके हैं। इसी को लेकर मोदी सरकार ने जश्न भी शुरू कर दी हैं। ये कार्यक्रम 26 मई से शुरू होकर 15 जून तक चलेंगे। हालांकि, उत्तर प्रदेश की बिगड़ती कानून-व्यवस्था मोदी सरकार के तीन साल के जश्न की राह में रोड़ा बन गई है। PM मोदी और CM योगी पर हमले के मुद्देे तलाश रहे विपक्ष को सहारनपुर हिंसा बड़ा मुद्दा दे दिया है। विपक्ष लगातार योगी सरकार पर निशाना साध रहा है।
हालांकि, जातीय हिंसा से सुलग रहे सहारनपुर के शब्बीरपुर और आसपास के गांवों में का माहौल पर पटरी पर उतरने लगा है। इस बीच गुरुवार(25 मई) को राज्य के गृह सचिव मणि प्रसाद मिश्रा के नेतृत्व में पूरा प्रशासनिक अमला शब्बीरपुर में घर-घर पहुंचा और शांति की अपील की।
साथ ही गृह सचिव ने दोनों समुदायों के लोगों से पूरे मामले में पुलिस की नाकाम के लिए माफी भी मांगी। इस दौरान गृह सचिव ने दोनों समुदायों को भरोसा दिया कि जिन पुलिस वालों ने अपनी दायित्व निभाने में कोताही बरती होगी उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि सहारनपुर में हिसा की शुुरुआत शब्बीरपुर गांव से ही हुई थी।
गृह सचिव ने कहा कि सहारनपुर में हुआ बवाल यहां के आपसी तानेबाने का नहीं, बल्कि किसी सुनियोजित षड्यंत्र का परिणाम है जो बहुत जल्दी ही सामने आ जाएगा। बता दें कि पिछले एक महीने से अधिक समय में 20 अप्रैल, पांच मई, नौ मई, 23 मई को यहां जो घटनाएं घटी उसने इस जिले के शान्तिप्रिय वातावरण को प्रभावित किया।
इतना ही नहीं इस हिंसा की आग अब केंद्र सरकार तक भी पहुंच गई है। हिंसा के बाद जागे केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सहारनपुर हिंसा पर योगी सरकार से एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि हां, मंत्रालय ने विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
गृह मंत्रालय ने गुरुवार(25 मई) को यूपी सरकार से कहा कि वह जल्द से जल्द सहारनपुर के हालात, हिंसा भड़कने के कारण और उसे रोकने के लिए उठाए गए कदमों की रिपोर्ट भेजे। वहां के हालात को देखते हुए गृह मंत्रालय ने रैपिड एक्शन फोर्स (आरपीएफ) की चार बटालियन भेजने का भी फैसला किया है।
दरअसल, केंद्र सरकार इस बात को लेकर चिंतित है कि कहीं सहारनपुर की हिंसा राज्य के दूसरे जिलों में ना फैल जाए। सहारनपुर में हिंसा पर आईबी ने केंद्र को जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें भी ऐसी ही आशंका जताई गई थी। आईबी की रिपोर्ट में कहा गया था कि अगर हिंसा जल्द नहीं रुकी तो यह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दूसरे जिलों फैल सकती है।
सुलग रहा है सहारनपुर
बता दें कि सहारनपुर में जातीय हिंसा इस बढ़ गया कि गुरुवार(25 मई) को पूरे शहर में धारा 144 लागू कर दिया गया है। इससे पहले राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बुधवार(24 मई) को हिंसा पर नियंत्रण पाने में असफल रहे सहारनपुर के डीएम एनपी सिंह और एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे को सस्पेंड कर दिया गया। जबकि, डिवीजनल कमिश्नर और डीआईजी का भी तबादला कर दिया गया।यही नहीं, हालात को काबू में करने के लिए मोबाइल इंटरनेट और मैसेजिंग सेवाओं पर रोक लगा दी गई है। प्रशासन का कहना है कि इंटरनेट, मैसेजिंग और सोशल मीडिया का प्रयोग असामाजिक तत्व अफवाह और भ्रामक सूचनाओं को फैलाने में कर रहे थे। खबरों की मानें तो सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में डीजीपी को भी कड़ी फटकार लगाई है।
इससे पहले मंगलवार(23 मई) को हुई हिंसक घटनाओं के बाद आज(24 मई) फिर सुबह थाना बडगांव के अन्तर्गत ग्राम मिर्जापुर में ईंट भट्टे पर सो रहे दो लोगों पर हमला कर दिया, जिससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए पूरे इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। इस हिंसा में अब तक 24 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।