लापरवाही की एक घटना में दिल्ली के एक बड़े अस्पताल के कर्मचारियों ने एक नवजात को कथित तौर पर मृत घोषित कर दिया, लेकिन अंतिम संस्कार के पहले परिवार के सदस्यों ने उसे जिंदा पाया। घटना सफदरजंग अस्पताल में हुई। बदरपुर की एक महिला ने रविवार(17 जून) सुबह शिशु को जन्म दिया। अस्पताल के कर्मचारियों को बच्चे में कोई हरकत नजर नहीं आई।

बच्चे के पिता रोहित ने बताया कि डॉक्टर और नर्सिंग कर्मचारियों ने बच्चे को मृत घोषित कर शव को एक पैक में बंद कर उस पर मुहर लगा दी और अंतिम संस्कार के लिए हमें थमा दिया। बच्चे की मां की हालत ठीक नहीं थी, इसलिए वह अस्पताल में ही भर्ती है, जबकि पिता और परिवार के अन्य सदस्य घर आए और अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी।
कुछ देर बाद रोहित की बहन ने पैक में कुछ हरकत महसूस की और जब उसे खोला गया तो बच्चे की धड़कन चल रही थी और वह हाथ-पैर चला रहा था। सफदरजंग अस्पताल प्रशासन ने मामले की जांच का आदेश दिया है। पीड़ित पिता रोहित ने बताया कि उन्होंने पत्नी को रविवार सुबह पेट दर्द की शिकायत के बाद सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया था।
सुबह करीब सवा पांच बजे उन्हें डॉक्टरों ने बताया कि पत्नी को अविकसित बच्च पैदा हुआ है। बच्चे का वजन पांच सौ ग्राम से कम है और वह मृत है। इसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें बच्च सौंप दिया। सुबह करीब आठ बजे नवजात को दफनाते समय रोहित को उसके शरीर में कुछ हरकत दिखी। इसके बाद जब उन्होंने नवजात को पॉलीथिन से बाहर निकालकर देखा तो उसकी सांसें चल रही थीं।
इस मामले में अस्पताल में चिकित्सा अधीक्षक ए के राय ने बताया कि हमने जांच करने का आदेश दिया है कि क्या बच्चे को मृत घोषित करने और उसे अभिभावकों को सौंपने से पहले इसकी सही से जांच की गई थी या नहीं। अस्पताल प्रशासन ने का कहना है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किया जाएगा।