उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले की बांगरमऊ विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर रेप का आरोप लगने के बाद सूबे में सियासी हड़कंप मचा हुआ है। विपक्षी दलों के साथ-साथ अब पार्टी के अंदर से भी विधायक के खिलाफ आवाजें उठने लगी हैं। इसी बीच, एक लेखिका ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए उपहार के तौर पर चूड़ियां भिजवाई हैं।

बता दें कि, आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर शिकंजा कस गया है। कुलदीप सेंगर पर दुष्कर्म सहित अन्य संगीन आरोपों व पीड़िता के पिता की हत्या की जांच सीबीआई करेगी। वहीं पुलिस ने बुधवार (11 अप्रैल) देर रात विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।
बता दें कि, उन्नाव गैंगरेप मामले में बीजेपी विधायक और रेप के आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर बुरी तरह फंस गए हैं। सीबीआई से लेकर एसआईटी तक इस मामले की जांच के लिए सक्रिय हो गई हैं। इतना ही नहीं, यह मामला अब हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है।
इसी बीच, लेखिका साध्वी खोसला ने गुरुवार(12 अप्रैल) को ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए उपहार के तौर पर चूड़ियां! मैं इसे कूरियर के जरिए लखनऊ स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय को भी भिजवा रही हूं।’
Bangles for UP Chief Minister @myogiadityanath as a gift ! I am sending the same via courier to CM Office, Lucknow. #Unnao pic.twitter.com/sFoy2GBw5d
— Sadhavi Khosla🇮🇳 (@sadhavi) April 12, 2018
बता दें कि, बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ आईपीसी की धारा 363(अपहरण), 366(अपहरण कर शादी के लिए दवाब डालना), 376(बलात्कार), 506(धमकाना) और पॉस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। SIT की शुरुआती रिपोर्ट के बाद कुलदीप सेंगर के खिलाफ बुधवार (11 अप्रैल) को FIR का फैसला लिया गया है। इसके साथ ही मामले में लापरवाही के दोषी पाए दो डॉक्टरों व एक पुलिस क्षेत्रधिकारी को निलंबित करने का निर्णय भी लिया गया है।
प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने भी इस मामले की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि एडीजी लखनऊ जोन राजीव कृष्ण के पर्यवेक्षण में गठित एसआईटी, डीएम उन्नाव एनजी रवि कुमार और डीआईजी जेल लव कुमार से अलग-अलग प्राप्त रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद यह फैसला लिया गया। वहीं उन्नाव के सफीपुर सर्किल के सीओ शफीपुर कुंवर बहादुर सिंह को निलंबित कर दिया गया है।
पीड़िता के पिता के उपचार में लापरवाही पर सीएमएस डॉ. डीके द्विवेदी व ईएमओ डॉ. प्रशांत उपाध्याय को भी निलंबित किया गया है। डॉ. मनोज, डॉ. जीपी सचान और डॉ. गौरव अग्रवाल के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। राज्य सरकार ने यह फैसला एसआईटी के साथ ही डीआईजी जेल और डीएम उन्नाव की अलग-अलग जांच रिपोर्ट के आधार पर देर रात किया। इसके बाद पीड़ित परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।