राजस्थान में सियासी हलचल के बीच सचिन पायलट ने राहुल और प्रियंका गांधी वाड्रा से की मुलाकात

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राजस्थान सरकार को गिराने की साजिश रचने और विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों से घिरे पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सोमवार (10 अगस्त) को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा से मुलाकात की। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, राहुल एवं प्रियंका से इस मुलाकात में पायलट ने विस्तार से अपना पक्ष रखा और फिर पार्टी के दोनों शीर्ष नेताओं ने उनकी चिंताओं के निदान का भरोसा दिलाया।

सचिन पायलट

पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट से मुलाकात से पहले राहुल गांधी और प्रियंका ने करीब डेढ़ घंटे तक बैठक की। बाद में दोनों राहुल गांधी के आवास से निकले और किसी अन्य स्थान पर जाकर पायलट से मिले। बता दें कि, यह मुलाकात विधानसभा सत्र आरंभ होने से कुछ दिनों पहले हुई है और अब राजस्थान में कांग्रेस के भीतर पिछले कुछ हफ्तों से चली आ रही उठा पठक थमने की उम्मीद है।

कांग्रेस के सूत्रों ने कहा है कि पार्टी के अनुभवी नेता अहमद पटेल उस मुद्दे को सुलझाने के लिए काम कर रहे हैं, जिसने पायलट खेमे की बगावत से राज्य में अशोक गहलोत सरकार का अस्तित्व को खतरे में पड़ गया था। कांग्रेस ने इस वाकये के बाद पायलट को उपमुख्यमंत्री और राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया था।

रविवार की रात जैसलमेर के एक होटल में ठहरे गहलोत खेमे के कांग्रेस विधायकों की बैठक में विद्रोहियों को पार्टी में वापस लेने को लेकर मिश्रित विचार सामने आए। कुछ विधायकों ने बागी खेमे के नेताओं को वापस लेने के लिए कहा, वहीं कुछ इसके पक्ष में नहीं थे। इस बीच राज्य के नेताओं की दिल्ली में चल रही सुगबुगाहट पर भी पैनी नजर है।

कांग्रेस के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने पुष्टि की है कि राजस्थान के कुछ मंत्रियों को पायलट और उनके वफादार विधायकों को फिर से पार्टी से जोड़ने को लेकर बैठक करने के संकेत मिले थे।

गौरतलब है कि, 14 अगस्त से राजस्थान विधानसभा का सत्र आरंभ होगा जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बहुमत साबित करने का प्रयास करेंगे। सीएम गहलोत के खिलाफ खुलकर बगावत करने और विधायक दल की बैठकों में शामिल नहीं होने के बाद कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री के पदों से हटा दिया था। बागी रुख अपनाने के साथ ही पायलट कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल नहीं होंगे। (इंपुट: आईएएनएस और भाषा के साथ)

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