आरटीआई एक्टिविस्ट साकेत गोखले ने सनसनीखेज खुलासा किया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि भारत के चुनाव आयोग ने फरवरी 2020 में हुए दंगे के बाद उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सभी निवासियों की तस्वीरें और पते पुलिस के साथ साझा किए थे। साकेत गोखले ने भारत निर्वाचन आयोग (ECI) के एक पत्र को साझा करते हुए कहा कि, तस्वीरों वाली पूरी मतदाता सूची को अवैध रूप से दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया था ताकि लोगों की ‘पहचान’ को सक्षम बनाया जा सके।
एक्टिविस्ट साकेत गोखले ने अपने ट्वीट में लिखा, “आदेश की पहली पंक्ति स्वयं स्वीकार करती है कि पुलिस के साथ साझा मतदाता सूचियों में तस्वीरें नहीं हो सकती हैं। ECI ने इन नियमों को तोड़ा और दिल्ली पोग्रोम के बाद पुलिस को उपलब्ध इन पूर्ण मतदाता सूचियों को फोटो के साथ बनाया। यह किसी भी क्षेत्र में रहने वाले अल्पसंख्यकों की पहचान करने का एक आसान तरीका है।”
साकेत गोखले ने ट्विटर पर ECI की प्रवक्ता शेफाली शरण को टैग करते हुए उनसे कहा कि, “उनको यह स्पष्ट करना चाहिए कि- ऐसा नियमों के खिलाफ क्यों किया गया?”
उन्होंने अपने ट्वीट में आगे लिखा, “करोड़ों युवा मुस्लिम निर्दोष लोगों को पुलिस ने मनमाने तरीके से उठाया। क्या “चेहरे की पहचान” डेटाबेस के निर्माण के लिए अन्य स्थानों पर भी फोटो के साथ मतदाता सूचियों को साझा किया जा रहा है? यह गंभीर है!”
The 1st line of the order itself admits that voter lists shared with police CANNOT contain photos.
ECI broke these rules & made these full voter lists WITH PHOTOS available to police after the Delhi pogrom.
This is an easy way to identify minorities living in any area.
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— Saket Gokhale (@SaketGokhale) August 24, 2020
हालांकि, ख़बर लिखे जाने तक ECI ने इन आरोप का कोई जवाब नहीं दिया है। गोखले द्वारा साझा किए गए ECI के कथित पत्र में एक अवर सचिव स्तर के सिविल सेवक ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को दिल्ली पुलिस के साथ उत्तर-पूर्वी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं की छवियों के साथ मतदाता सूची प्रदर्शित करने का निर्देश दिया था।
गौरतलब है कि, फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी जिसमें आईबी अधिकारी अंकित शर्मा और हेड कांस्टेबल रतन लाल सहित 53 लोग मारे गए थे। इस हिंसा के दौरान मारे गए लोगों में ज्यादातर मुसलमान शामिल थे। राजधानी दिल्ली में चार दिनों तक जारी रही इस हिंसा में 200 से अधिक लोग घायल हो गए, इनमें 10 से ज्यादा पुलिसकर्मी भी शामिल थे।