आयकर विभाग ने कर चोरी के एक मामले में कर्नाटक के ऊर्जा मंत्री डी के शिवकुमार की कई संपत्तियों पर बुधवार(2 अगस्त) को छापे मारे। शिवकुमार की मेजबानी में यहां निकट स्थित एक रिजॉर्ट में गुजरात के 44 कांग्रेस विधायक ठहरे हुए हैं। आयकर अधिकारियों ने बताया कि मंत्री की संपत्तियों पर मारे गए छापे के दौरान 7.5 करोड़ रुपए नकद बरामद किए गए। आयकर टीम उन्हें रिजॉर्ट से यहां उनके आवास ले गई है।बुधवार तड़के की गई छापेमारी से जुडे़ अधिकारियों ने बताया कि आयकर विभाग के अधिकारियों की एक टीम मंत्री से पूछताछ के लिए समीपवर्ती ईगलटन रिजॉर्ट पहुंची। कांग्रेस नेता रात को रिजॉर्ट में यहीं ठहरे हुए थे। आयकर अधिकारियों ने बताया कि शिवकुमार यहां ठहरे 44 विधायकों की मेजबानी कर रहे थे।
Rs. 7.5 crore recovered during IT raids at two flats of Karnataka Minister DK Shivakumar in Delhi. pic.twitter.com/Au81NpKb4N
— ANI (@ANI) August 2, 2017
विधायकों को इसलिए यहां एक साथ रखा गया है, ताकि भाजपा उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करने की कोशिश नहीं कर पाए। जब छापे मारे गए, उस समय शिवकुमार रिजॉर्ट में ही थे। रिजॉर्ट में छापेमारी की कार्रवाई पर कांग्रेस के नाराजगी के बीच आयकर विभाग ने कहा कि रिजॉर्ट पर छापा नहीं मारा गया है।
उन्होंने बताया कि रिजॉर्ट में केवल मंत्री के कमरे की ‘‘तलाशी ली’’ गई और गुजरात के विधायकों के कमरों में छापा नहीं मारा गया। विभाग ने एक बयान में कहा, ‘‘छापे मारने वाले दल का विधायकों से कोई लेना देना नहीं है और विधायकों एवं तलाशी लेने वाले दल के बीच कोई संपर्क नहीं हुआ।’’
इस बीच, गुजरात से राज्यसभा का चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कर्नाटक के ऊर्जा मंत्री के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी की आलोचना करते हुए भाजपा पर राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए ‘अभूतपूर्व तरीके से परेशान’ करने का आरोप लगाया।
आयकर अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय अर्द्धसैन्य बलों की मदद से आयकर विभाग के करीब 120 अधिकारियों का दल मंत्री और उनके परिवार के 39 ठिकानों पर छापे मार रहा है। विभाग चुनावों में धन बल के कथित इस्तेमाल और बड़े पैमाने पर धन के अवैध लेनदेन के आरोपों की भी जांच कर रहा है। आयकर विभाग ने कहा कि छापे मारने के समय के बारे में पहले की निर्णय ले लिया गया था।
विभाग ने एक बयान में कहा, ‘‘यह तलाशी उस जांच के संबंध में की गई है जो काफी समय से जारी है। तलाशी लिए जाने के समय के संबंध में पहले की निर्णय ले लिया गया था।’’ बयान में कहा गया है, ‘‘किसी अन्य राज्य के विधायकों के कर्नाटक लाए जाने संबंधी कार्यक्रम अप्रत्याशित थे।’’
इस कार्रवाई को ‘‘सबूत एकत्र करने की कवायद’’ करार दिया गया है। यह छापेमारी आयकर विभाग की कर्नाटक जांच शाखा ने की थी। आयकर विभाग ने कहा, ‘‘आयकर कानून की धारा 132 के तहत ली गई यह तलाशी सबूत एकत्र करने की कवायद है जो सभी वैधानिक आवश्यकताओं के अनुरूप की जा रही है।’’ कांग्रेस की गुजरात इकाई के छह विधायकों के पार्टी छोड़ने के बाद अन्य पार्टी विधायकों को यहां लाया गया।
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में गुजरात के 57 में से छह कांग्रेस विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया, जहां से वरिष्ठ पार्टी नेता अहमद पटेल चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें से तीन शुक्रवार को भाजपा में शामिल हो गये। पार्टी को आशंका है कि अधिक विधायकों के दल बदलने से पटेल की जीत की संभावनाओं पर असर पड़ेगा।
राज्यसभा में जमकर हुआ हंगामा
आईटी के छापों को लेकर राज्यसभा में भी जमकर हंगामा हुआ। राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस के सांसद आनंद शर्मा ने इन छापों की टाइमिंग को लेकर सवाल उठाया। शर्मा ने सरकार पर आरोप लगाया, ‘इनकम टैक्स रेड का समय और जगह बताती है कि यह सब टारगेटेड है।’’ उन्होंने कहा, ‘क्यों कि शिवकुमार और उनके बेटे रिसॉर्ट में विधायकों की देखरेख कर रहे हैं, इसलिए उनपर छापा मारा गया है।’
शर्मा ने कहा कि सरकार अपने पावर का गलत इस्तेमाल कर रही है। वहीं, आनंद शर्मा के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने भी सरकार पर अपनी पावर का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। आजाद ने कहा, ‘बीजेपी ने पहले कांग्रेस विधायकों को 15 करोड़ रुपए का ऑफर दिया और अब छापेमारी करके उनको डरा रही है।’
कांग्रेस नेताओं पर पलटवार करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि, ‘बेंगलूरू में कांग्रेस विधायकों की तलाशी नहीं ली गई। बल्कि सिर्फ डी के शिवकुमार के घर ही छापेमारी हुई है।’ वहीं, इस मामले पर पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि नियम सबके लिए एक होते हैं। कांग्रेस के पापों का घड़ा अब भर चुका है।