100 से अधिक लोगों ने रविवार की सुबह इंदौर-पटना ट्रेन दुर्घटना में अपनी जान गंवाई।
200 से अधिक लोग घायल हुए हैं और अस्पतालों में लगातार उपचार ले रहे हैं। लेकिन जो भाग्यशाली इस दुर्घटना में बच गए उन्हे और दुख का सामना करना पड़ा जब अधिकारियों ने उन्हे 5000 रुपए का नकद मुआवजा दिया।
पीड़ितों के अनुसार, हमें बंद हो चुके पुराने नोटों में नकदी दी गई, ये नोट हमारे किसी काम के नहीं है जब लाखों लोग बैंक की कतारों में लगे है।
पत्रकार प्रशांत कुमार ने ट्विटर पर लिखा, “यह चौंकाने वाला है पीडि़तों को 500 के पुराने नोट दिए गए नोटों। क्सया ये काले धन को सफेद कर रहे हैं?
Shocking: Old 500 notes given to patients who survived the accident. Turning blck money into white? 5000 given. 9*500 (old) notes. 5*100 rs. pic.twitter.com/hg0kp6FVLY
— Prashant Kumar (@scribe_prashant) November 20, 2016
एक पीड़ित ने बताया जिस व्यक्ति ने 5000 रुपए दिए वो रेल मंत्रालय से था।
8/Exgratia to relatives of those who have lost their lives and those injured being arranged
— Suresh Prabhu (@sureshpprabhu) November 20, 2016
इस के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने घोषणा की कि ‘जो लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और घायल हुए लोगों के रिश्तेदारों की व्यवस्था की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि कानपुर देहात इलाके में इंदौर-पटना एक्सप्रेस के 14 कोचों के पटरी से उतर जाने के कारण 120 से ज्यादा यात्रियों की मौत हो गई, जबकि 200 से ज्यादा लोग जख्मी हैं, जिनमें से तकरीबन आधे गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं।
नकदी के प्राप्तकर्ता को कथित तौर पर अमिट स्याही के साथ चिह्नित किया गया। केंद्र सरकार ने हाल ही में नोट बंदी पर बैंको में अमिट स्याही अनिवार्य इस्तेमाल किया था।
जैसे ही रेलवे अधिकारियों द्वारा पुराने नोटों में पैसे दिए गए अस्पताल में बसपा के स्थानीय नेताओं ने पीड़ितों से पुरानी नोटों की अदला बदली की।
उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं ऐसे में मायावती की पार्टी इस अवसर का चुनावी फायदा नही जाने देना चाहती।