केंद्र ने हैदराबाद विश्वविद्यालय के शोध छात्र रोहित वेमुला की मौत पर एक पैनल की रिपोर्ट सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया है. आरटीआई के जरिये पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्र ने कहा कि संबंधित फाइल अभी ‘विचारार्थ’ है, इसलिए रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध नहीं कराई जा सकती है।
मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय ने ‘पीटीआई’ की ओर से दाखिल एक आरटीआई के जवाब में कहा, ‘संबंधित फाइल अभी विचारार्थ है, इसलिए इस वक्त रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध नहीं कराई जा सकती है।’
बहरहाल, इसमें इस बात का जिक्र नहीं है कि सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के किस प्रावधान के तहत यह सूचना नहीं दी गई. आरटीआई अधिनियम के जिस संबंधित प्रावधान के तहत सूचना रोकी जा रही है सरकारी विभाग को उसका जिक्र करना होता है।
भाषा की खबर के अनुसार, हैदराबाद विश्वविद्यालय में हुए कार्यक्रमों की जांच के लिए एचआरडी मंत्रालय ने फरवरी में रिटायर्ड जस्टिस अशोक कुमार रूपनवाल के नेतृत्व में जांच आयोग गठित किया था. विश्वविद्यालय में हुए ये कार्यक्रम अंतत: रोहित वेमुला की मौत में परिणत हुए थे।
वेमुला की मौत के कारण भारी राजनीतिक हंगामा मचा था और तत्कालीन एचआरडी मंत्री स्मृति ईरानी सहित श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय के इस संबंध में पत्र लिखे जाने के कारण उन पर हमले तेज हो गए थे।
समझा जाता है कि आयोग ने अपनी रिपोर्ट में छात्रों के लिए उचित शिकायत निवारण तंत्र और समान अवसर प्रकोष्ठों पर जोर दिया है, ताकि वेमुला की आत्महत्या जैसे दुर्भाग्यपूर्ण मामलों को होने से रोका जा सके।