नोटबंदी के बाद परेशान ग्रामीणों द्वारा लूट का पहला मामला सामने आया है। इससे पहले तक हालात से परेशान के लोगों मरे जाने की खबर ही आ रही थी। मामला है छतरपुर जिले के बमीठा थाने का जहाँ के एक गांव बरदौहा में गांव के लोगों ने राशन की दुकान को लूट लिया।
गांव के सरपंच ने बताया कि पिछले दिनों हुए रूपए में परिवर्तन के कारण लोगों के पास पैसे नही थे और वह बाजार से राशन नही ले पा रहे थे। तभी अचानक आज राशन की दुकान खोल ली इसी बीच गुस्साई भीड़ ने राशन की दुकान में लूट कर दी।
शुक्रवार को ग्रामीणों ने जैसे ही देखा कि सेल्समैन ने राशन की दुकान खोली तो यहां दर्जनों लोगों ने पहुंचकर जबरन खाद्यान्न लूट ले गए। इससे पहले कि मैं कुछ समझ पाता ग्रामीणों ने बोरों से खाद्यान्न निकालना शुरू कर दिया। दुकानदार मुन्नी लाल अहिरवार ने आरोप लगाया कि सरपंच की शह पर ग्रामीणों ने मेरी दुकान से लगभग 100 बोरी गेहूं और बड़ी मात्रा में चावल लूट कर ले गए।
जबकि, सरपंच नोने लाल पटेल का दावा है कि सेल्समैन ने पिछले तीन महीने से खाद्यान का वितरण नहीं किया था। इस वजह से लोग काफी परेशान थे। फिलहाल मेरा इस मामले से मेरा कोई लेना देना नहीं है।
इस लूट पर दुकानदार और सरपंच आपस में एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे है लेकिन जो बात बिल्कुल स्पष्ट है वो ये कि नोटबंदी के लोगों राशन को लेकर बेहद परेशान थे। जब कोई रास्ता नहीं मिला तो उन्होंने राशन की दुकान ही लूट ली। बमीठा थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है।